पिछले 10 सालों में करीब 4 गुना बढ़ा Personal Income Tax, जानिए टैक्स के पैसों से कितना भरा सरकारी खजाना
भारत के प्रत्यक्ष कर संग्रह (Direct Tax Collection) में बीते एक दशक में बड़ा उछाल देखने को मिला है. वित्त वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर 19.60 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो कि वित्त वर्ष 2014-15 में 6.95 लाख करोड़ रुपये था.
भारत के प्रत्यक्ष कर संग्रह (Direct Tax Collection) में पिछले 10 सालों में एक बड़ा उछाल देखने को मिला है. वित्त वर्ष 2023-24 तक यह बढ़ते-बढ़ते 19.60 लाख करोड़ रुपये हो गया है. अगर बात करें वित्त वर्ष 2014-15 की तो उस वक्त तक यह आंकड़ा 6.95 लाख करोड़ रुपये था. यह जानकारी आयकर विभाग की तरफ से जारी किए गए डेटा से मिली.
प्रत्यक्ष कर संग्रह में बढ़त की वजह पर्सनल इनकम टैक्स में उछाल आना है. वित्त वर्ष 2014-15 में पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन करीब 2.65 लाख करोड़ रुपये था. अगर बात की जाए वित्त वर्ष 2023-24 की तो अब यह बढ़कर 10.45 लाख करोड़ रुपये हो गया है. इस तरह देखा जाए तो पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन (Personal Income Tax Collection) बीते एक दशक यानी 10 साल में 294 प्रतिशत यानी करीब 4 गुना तक बढ़ा है.
कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन हुआ दोगुना
सिर्फ पर्सनल इनकम टैक्स में ही बढ़ोतरी नहीं हुई है, बल्कि कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन भी पिछले एक दशक में बढ़ा है. हालांकि, कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन का आंकड़ा काफी छोटा है. पिछले 10 साल में कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन में 112.85 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है, जिसके बाद यह 9.11 लाख करोड़ रुपये हो गया है. वित्त वर्ष 2014-15 में यह आंकड़ा 4.28 लाख करोड़ रुपये था. इस तरह कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन दोगुने से थोड़ा अधिक बढ़ा है. टैक्स रिटर्न की संख्या बढ़कर 8.61 करोड़ हो गई है, जो कि वित्त वर्ष 2014-15 में 4.04 करोड़ थी.
आईटीआर की संख्या दोगुने से थोड़ी ज्यादा
पिछले एक दशक में आईटीआर की संख्या 3.74 करोड़ से बढ़कर 8.13 करोड़ हो गई है. टैक्स-टू-जीडीपी रेश्यो बढ़कर 6.64 प्रतिशत हो गया है, जो कि पहले 5.5 प्रतिशत था. आंकड़ों से जानकारी मिली कि रिटर्न दाखिल करने वाले या स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) कराने वाले करदाताओं सहित कुल करदाताओं की संख्या वित्त वर्ष 2015 में 5.70 करोड़ से बढ़कर 10.41 करोड़ हो गई.
आईटीआर प्रोसेसिंग टाइम 93 दिन से घटकर हुआ 10 दिन
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुताबिक, आईटीआर का औसत प्रोसेसिंग समय 2013 में 93 दिनों से घटाकर अब 10 दिन हो गया है, इससे रिफंड में तेजी आई है. यह पिछले कुछ वर्षों में आयकर रिटर्न प्रणालियों और प्रक्रियाओं में अपटेड और व्यक्तिगत कर व्यवस्था के सरलीकरण से हासिल किया गया है, जिससे कर रिटर्न दाखिल करना आसान हो गया है.
मजबूत जीडीपी ग्रोथ से बढ़ा डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन
डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी की वजह मजबूत जीडीपी ग्रोथ है. वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.4 फीसदी की दर से बढ़ी. वित्त वर्ष 2024-25 में इसके 7.2 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है.
(IANS से इनपुट के साथ)