ITR-U भरने से सरकार को हुई 28 करोड़ रुपए की कमाई, इतने लाख लोगों ने भरा फॉर्म
Income Tax Return: वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अभी तक 1 लाख लोगों ने आईटीआर-यू (अपडेटेड) फॉर्म भर दिया है, जिससे सरकार को करोड़ों की कमाई हुई है.
Income Tax Return: वित्त वर्ष 2022-23 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने की तारीख बहुत दिन पहले ही खत्म हो चुकी है लेकिन अभ पेनाल्टी के साथ कुछ टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भर रहे हैं. वहीं अभी तक 1 लाख से ज्यादा लोगों ने आईटीआर-यू (ITR-U) फॉर्म भर दिया है, जिससे केंद्र सरकार को 28 करोड़ रुपए की अतिरिक्त कमाई हुई है. ये नया आईटीआर फॉर्म है, जिसे आईटीआर-अपडेटेड कहा जाता है. जिन टैक्सपेयर्स को अपने आईटीआर में कुछ बदलाव करने की जरूरत महसूस होती है, वो आईटीआर-यू फॉर्म (ITR-Updated) भरते हैं. इस वित्त वर्ष में लाखों टैक्सपेयर्स ने आईटीआर-यू भरा है, जिससे सरकार को काफी अच्छी कमाई हुई है. बता दें कि इस साल बजट में इस आईटीआर-यू फॉर्म की घोषणा कर दी गई थी.
CBDT नहीं करता कोई कार्रवाई
अगर किसी टैक्सपेयर की आईटीआर में कोई गड़बड़ी है और टैक्सपेयर ने आईटीआर-यू फॉर्म भरके उस गड़बड़ी को सुधार लिया है तो सीबीडीटी यानी कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स ने टैक्सपेयर्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है. टैक्सपेयर्स को वित्त वर्ष 2019-20 और 2020-21 के लिए आईटीआर-यू फॉर्म भरने की सुविधा दी जा रही है और इसका एसेसमेंट ईयर 2020-21 और 2021-22 है.
आईटीआर-यू फॉर्म की जरूरत क्यों
बता दें कि एसेसमेंट ईयर के 2 साल के अंदर ही आईटीआर-यू फॉर्म भर देना चाहिए. इस फॉर्म के जरिए आईटीआर में इनकम को अपडेट किया जाता है और विभाग को बताना होता है कि आप आईटीआर-यू क्यों भर रहे हैं.
लॉटरी, सट्टा खेलने वालों को भी मिल सकती है सुविधा
CBDT का कहना है कि आईटीआर-यू फॉर्म भरने का नियम ऑनलाइन गेम, लॉटरी और सट्टेबाजी की कमाई पर लागू किया जा सकता है. ऐसा प्रावधान लाया जा सकता है कि इस तरह का काम करने वाले भी इस आईटीआर-यू फॉर्म को भरें. विभाग का कहना है कि ऐसे लोगों के खिलाफ कानून के तहत कोई कार्रवाई हो, जुर्माना लगे या कानूनी एक्शन लिया जाए, उससे अच्छा है आईटीआर-यू फॉर्म भरकर अपनी कानूनी जिम्मेदारी पूरी कर लें.
अबतक इतना रिफंड जारी हुआ
सीबीडीटी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अभी तक 93 हजार करोड़ रुपए का रिफंड जारी किया जा चुका है. जबकि पिछले साल इसी अवधि में 52 हजार करोड़ रुपए का रिफंड दिया गया था. पिछले साल की तुलना में इस साल रिफंड में 78 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है.