Credit Card इस्तेमाल करने वाले लोग अक्सर नहीं जानते इन 5 चार्ज के बारे में, ना बैंक बताता है ना ही एजेंट!
क्रेडिट कार्ड लेने के बाद आप पर कौन-कौन से चार्ज (Credit Card Charges) लगेंगे, ये जानना जरूरी है. आइए जानते हैं क्रेडिट कार्ड पर लगने वाले ऐसे ही 5 चार्ज (5 Charge on Credit Cards) के बारे में, जिनका जिक्र कोई एजेंट या बैंक अक्सर नहीं करते हैं.
आपको अक्सर ही फोन आता होगा और मुफ्त में लाखों की क्रेडिट लिमिट वाला क्रेडिट कार्ड (Credit Card) पाने का ऑफर मिलता होगा. इनमें से कुछ तो सच कहते हैं, लेकिन कुछ एजेंट और बैंक आपको पूरी जानकारी नहीं देते हैं और क्रेडिट कार्ड बेच देते हैं. मार्केट में आपको क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाले तमाम डिस्काउंट और रिवॉर्ड प्वाइंट (Credit Card Reward Points) के बारे में तो बताने वाले बहुत लोग मिलेंगे, लेकिन कोई ये नहीं बताता है कि क्रेडिट कार्ड लेने के बाद आप पर कौन-कौन से चार्ज (Credit Card Charges) लगेंगे. आइए जानते हैं क्रेडिट कार्ड पर लगने वाले ऐसे ही 5 चार्ज (5 Charge on Credit Cards) के बारे में, जिनका जिक्र कोई एजेंट या बैंक अक्सर नहीं करते हैं.
1- सालाना चार्ज से होता है कनफ्यूजन
कई ऐसे क्रेडिट कार्ड होते हैं, जिन पर कोई सालाना चार्ज नहीं लगता, लेकिन अधिकतर कार्ड पर ये चार्ज लगता है. अगर पहली बार ये कार्ड आपको मुफ्त में मिल भी गया तो अगले साल से ये चार्ज लगेगा. हालांकि, अधिकतर बैंक एक नियमित सीमा से अधिक की शॉपिंग किए जाने के बाद कार्ड पर लगने वाला चार्ज माफ कर देते हैं. कई बैंक तो पहली बार भी सालाना चार्ज लेते हैं. ऐसे में क्रेडिट कार्ड लेते वक्त अच्छे से समझ लें कि कार्ड पर सालाना चार्ज माफ है या नहीं और अगर लगेगा तो कब से लगेगा और कितना लगेगा.
2- क्रेडिट कार्ड के बकाया पर लगने वाला ब्याज
हर क्रेडिट कार्ड कंपनी की कमाई का एक बड़ा जरिया होता है बकाया पर लगने वाला ब्याज. हर महीने क्रेडिट कार्ड की स्टेटमेंट आती है, जिसमें एक ड्यू अमाउंट लिखा होता है, जिसे एक तय तारीख तक चुकाना होता है. अगर आपने इसे चुकाने में एक दिन की भी देरी की तो आपके सारे ड्यू अमाउंट पर पूरी अवधि के लिए 36-48 फीसदी सालाना तक की दर से ब्याज लग सकता है. वहीं कई लोग मिनिमम ड्यू के चक्कर में फंस जाते हैं, उन्हें भी भारी भरकम ब्याज चुकाना पड़ता है. आपको ये भी समझना जरूरी है कि मिनिमम ड्यू क्या होता है और इसके चक्कर में फंसने से कैसे बचें.
3- कैश निकालने पर लगता है भारी चार्ज
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क्रेडिट कार्ड बेचते वक्त उसके फीचर में कैश निकालने की सुविधा भी दी जाती है. कुछ लोगों को लगता है कि ये तो बहुत अच्छा है. ध्यान रहे, क्रेडिट कार्ड से कैश निकालने पर पहले ही दिन से भारी ब्याज लगना शुरू हो जाता है. ऐसा मत समझिए कि शॉपिंग की तरह आपको कैश भी वापस लौटाने के लिए करीब महीने भर का वक्त मिलेगा. तो एक बात तो गांठ बांध लीजिए कि आपको किसी भी सूरत में क्रेडिट कार्ड से कैश नहीं निकालना है, भले ही बैंक से लोन लेना पड़ जाए या उधार मांगने की नौबत आ जाए.
4- सरचार्ज का भी रखें ध्यान
क्रेडिट कार्ड से तेल भरवाने पर सरचार्ज चुकाना पड़ता है. वैसे तो अधिकतर क्रेडिट कार्ड पर सरचार्ज रिफंड मिल जाता है, लेकिन उसके लिए भी कुछ शर्तें होती हैं. सरचार्ज भी एक निश्चित सीमा तक मिलता है. उदाहरण के लिए, कोई बैंक कह सकता है कि 500 से 5000 रुपये की ट्रांजेक्शन पर लगने वाला सरचार्ज रिफंड होगा. वहीं हर महीने 100, 200, 300 या एक तय लिमिट जितने रुपये का सरचार्ज ही रिफंड होगा.
5- ओवरसीज ट्रांजेक्शन पर लगने वाला चार्ज
अधिकतर क्रेडिट कार्ड का यह एक बड़ा फीचर होता है कि उसका इस्तेमाल आप विदेशों में भी कर सकेंगे. हालांकि, आपको यह ध्यान रखने की जरूरत है कि ओवरसीज ट्रांजेक्शन चार्ज बहुत तगड़ा लगता है. तो अगर आप विदेश में क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने की योजना बना रहे हैं तो पहले अपने बैंक से ये सुनिश्चित कर लें कि आपको कितना चार्ज चुकाना होगा.
07:00 AM IST