लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर जल्द ही खत्म हो सकती है GST, मीटिंग में अधिकतर लोगों ने की इसे हटाने की सिफारिफ
GST on life insurance and health insurance may be removed soon, most of the members voted for removal
काफी वक्त से लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) और हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) पर जीएसटी (GST) घटाए जाने की मांग की जा रही है. आज इसे लेकर ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की दिल्ली में एक बैठक हुई, जो अब खत्म हो चुकी है. बिहार के उप मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में लाइफ और हेल्थ इश्योंरेंस पर बनी GOM की यह पहली बैठक थी.
इस बैठक में तमिल नायडू ने हेल्थ इंश्योरेंस पर बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट के जीएसटी 5 फीसदी रखने के लिए सिफारिश की है. वहीं लाइफ इंश्योरेंस पर लगने वाले जीएसटी को शून्य करने यानी हटाने की सिफारिश की. हालांकि, बाकी सभी सदस्यों ने हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस दोनों पर से जीएसटी को हटाने की बात की है.
इनके अलावा GOM टर्म फैमिली इंश्योरेंस के लिए भी जीएसटी से छूट देने के पक्ष में रहा. वहीं GOM सीनियर सिटिजन के हेल्थ इंश्योरेंस जीएसटी से छूट देने के पक्ष में है. बाकी लोगों के लिए पांच लाख तक हेल्थ इंश्योरेंस को जीएसटी छूट देने पर सहमति बनी.
इन आइटम पर भी हुई चर्चा
जीएसटी के रेट रेशनलाइजेशन को लेकर GOM की कई आइटम पर चर्चा हुई. दस हजार से कम कीमत की साइकिल को 5 परसेंट जीएसटी करने पर सहमति बनी. बीस लीटर से ऊपर के पैकेज्ड पानी पर 5 परसेंट जीएसटी करने पर चर्चा हुई. बच्चों की एक्सरसाइज बुक को पांच परसेंट के जीएसटी दायरे में करने का प्लान बनाया गया, जो अभी 12 परसेंट है. वहीं 15000 रुपये से अधिक कीमत के जूते और 25000 से अधिक की घड़ियों पर 28 फीसदी करने का प्लान है.
कैसे तय होती है GST?
GST के तहत आवश्यक वस्तुओं को या तो टैक्स से छूट दी जाती है या फिर सबसे कम स्लैब में रखा जाता है. वहीं विलासिता और नुकसानदेह वस्तुओं को सबसे ऊंचे कर स्लैब में रखा जाता है. इसके साथ ही GST परिषद ने स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा प्रीमियम पर कर की दर को 18 प्रतिशत से कम करने की संभावना तलाशने के लिए भी एक मंत्री समूह गठित किया था.
इस समूह को अक्टूबर के अंत तक अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. यह जीओएम बुजुर्गों, मध्यम वर्ग और मानसिक बीमारी वाले लोगों जैसी विभिन्न श्रेणियों के लिए व्यक्तिगत, समूह, पारिवारिक फ्लोटर और अन्य चिकित्सा बीमा सहित स्वास्थ्य/चिकित्सा बीमा की कर दर के बारे में सुझाव देगा.
पिछले वित्त वर्ष में केंद्र और राज्यों ने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर GST लगाकर 8,262.94 करोड़ रुपये का राजस्व इकट्ठा किया था. वहीं स्वास्थ्य पुनर्बीमा प्रीमियम पर GST के कारण 1,484.36 करोड़ रुपये एकत्र किए गए थे.