कारोबारियों को बड़ी राहत, अब हर महीने दाखिल नहीं करना होगा जीएसटी रिटर्न
आज हुई जीएसटी काउंसिल की 42वीं बैठक में कारोबारियों को भी कई मोर्चों पर राहत देने का ऐलान किया गया.
जीएसटी परिषद के अन्य फैसलों के बारे में वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने बताया कि 1 जनवरी के बाद से जो जिन करदाताओं का टर्नओवर 5 करोड़ रुपये से कम है, उन्हें मासिक रिटर्न दाखिल करने की जरूरत नहीं होगी. (Image-PIB)
जीएसटी परिषद के अन्य फैसलों के बारे में वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने बताया कि 1 जनवरी के बाद से जो जिन करदाताओं का टर्नओवर 5 करोड़ रुपये से कम है, उन्हें मासिक रिटर्न दाखिल करने की जरूरत नहीं होगी. (Image-PIB)
आज हुई जीएसटी काउंसिल (GST council Meet) की 42वीं बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. एक तरफ जहां राज्यों को जीएसटी की क्षतिपूर्ति (GST Compensation) को लेकर बड़े फैसले लिए गए वहीं, कारोबारियों को भी कई मोर्चों पर राहत देने का ऐलान किया गया.
5 करोड़ से कम टर्नओवर वालों को मासिक रिटर्न से छूट
जीएसटी परिषद के अन्य फैसलों के बारे में वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने बताया कि 1 जनवरी के बाद से जो जिन करदाताओं का टर्नओवर 5 करोड़ रुपये से कम है, उन्हें मासिक रिटर्न दायर (GST return filing) करने की जरूरत नहीं होगी. अब ऐसे लोगों को जीएसटी की तिमाही रिटर्न भरनी होगी.
हर महीने जमा करना होगा चालान
लेकिन इन लोगों को चालान का भुगतान हर महीने करना होगा. इस चालान में बहुत ज्यादा विवरण देने की जरूरत नहीं होगी. बिना किसी एक्सपर्ट और खातों की डिटेल के बिना ही इन चालानों का पैसा जमा कराया जा सकता है.
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नई राहत के तहत करदाता को पहली तिमाही के कुल टैक्स का महज 35 फीसदी टैक्स ही जमा करना होगा. और तीसरे महीने वह टैक्स की वास्तविक रकम जमा कर सकता है. अभी तक की प्रैक्टिक के अनुसार एक करदाता को एक साल के भीतर 24 रिटर्न दाखिल करने होते थे. इस राहत के बाद उसे अब केवल 8 रिटर्न दाखिर करने होंगे.
From the first of January onwards, the taxpayers whose annual turnover is less than Rs 5 crore will not be required to file monthly returns i.e GSTR 3B and GSTR1. They will only file quarterly returns: @FinMinIndia pic.twitter.com/CYY7oSjRxG
— PIB India (@PIB_India) October 5, 2020
एचएसएन कोड का उल्लेख अनिवार्य
जिन करदाताओं का टर्नओवर 5 करोड़ रुपये सालाना से ज्यादा का है, को अप्रैल 2021 से 6 अंकों वाले एचएसएन (Harmonized System of Nomenclature) कोड का उल्लेख करना अनिवार्य होगा. जिन लोगों का टर्नओवर 5 करोड़ रुपये सालाना से कम है उन्हें एचएसएन कोड के 4 अंकों का उल्लेख करना होगा.
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रिटर्न फाइल में आधार जरूरी
जीएसटी रिफंड के मामलों में पहली जनवरी 2020 से केवल उन्हीं कंपनियों को रिफंड दिया जाएगा जिनका बैंक खाता पैन और आधार नंबर से लिंक होगा. जीएसटी काउंसिल ने रिफंड एप्लीकेशन को आधार से लिंक करने का फैसला किया है. जैसे ही कोई करदाता जीएसटी रिटर्न फाइल में आधार नंबर का उल्लेख करेगा, एक ओटीपी उसके रजिस्टर्ड फोन नंबर पर आएगा. इस ओटीपी नंबर को दर्ज करने के बाद रिटर्न फाइल साइन हो जाएगी.
09:08 PM IST