एक तीर से दो निशाने- धमाकेदार रिटर्न के साथ टैक्स फ्री इनकम का डबल फायदा, ऐसे कमाल करती है ये सेविंग स्कीम
ELSS Tax Savings: म्यूचुअल फंड- इक्विटी लिंकड सेविंग स्कीम (ELSS) में निवेश न सिर्फ रिटर्न देगा, बल्कि टैक्स जरूर बचाएगा. इस निवेश पर आपको इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक पर टैक्स छूट मिलती है.
ELSS टैक्स सेविंग इक्विटी म्यूचुअल फंड है. इन फंड्स का 80 फीसदी निवेश इक्विटी- शेयर्स में होता है.
ELSS टैक्स सेविंग इक्विटी म्यूचुअल फंड है. इन फंड्स का 80 फीसदी निवेश इक्विटी- शेयर्स में होता है.
ELSS Tax Savings: पैसा लगाया है तो रिटर्न भी चाहिए और सिर्फ रिटर्न नहीं धमाकेदार रिटर्न चाहिए. ऐसे में काम आते हैं म्यूचुअल फंड्स. लेकिन, क्या इक्विटी म्यूचुअल फंड (MF) में निवेश पर टैक्स छूट मिलेगी? अक्सर ये सवाल जहन में रहता है. जवाब है हां और ना दोनों. दरअसल, हर म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) से टैक्स नहीं बचेगा, लेकिन एक खास तरह के म्यूचुअल फंड- इक्विटी लिंकड सेविंग स्कीम (ELSS) में निवेश न सिर्फ रिटर्न देगा, बल्कि टैक्स जरूर बचाएगा. इस निवेश पर आपको इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक पर टैक्स छूट मिलती है. अगर किसी एक फाइनेंशियल ईयर में आपके 80C में इन्वेस्टमेंट पूरे नहीं हो रहे हैं तो ELSS में निवेश बढ़िया ऑप्शन है. अगर आपने अभी तक इस इंस्ट्रूमेंट को पोर्टफोलियो में शामिल नहीं किया है तो 2023 से नए फाइनेंशियल ईयर की प्लानिंग में इसे जरूर शामिल करें. इसमें डबल फायदा उठा सकते हैं.
कैसे मिलेगा डबल फायदा?
ELSS टैक्स सेविंग इक्विटी म्यूचुअल फंड है. इन फंड्स का 80 फीसदी निवेश इक्विटी- शेयर्स में होता है. बाकी म्यूचुअल फंड्स की तरह ELSS इन्वेस्टमेंट पर भी आपको रिटर्न मिलता है. लेकिन, सभी म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट पर टैक्स छूट नहीं होती. ELSS- साधारण म्यूचुअल फंड्स से अलग है. इस फंड में जितना पैसा लगाएंगे उस पर टैक्स छूट मिलेगी. चाहे SIP करें या एकमुश्त रकम जमा कर दें. निवेश की रकम को इनकम टैक्स के सेक्शन 80C में छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं.
लॉक-इन पीरियड का रखें ध्यान
टैक्स सेविंग के लिए अगर ELSS में निवेश कर रहे हैं तो इनमें 3 साल का लॉक-इन पीरियड रहता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर आप Lump Sum निवेश करेंगे तो 3 साल बाद ही इसे निकाल सकते हैं. लेकिन, अगर SIP करेंगे तो हर SIP 3 साल के साइकिल में मैच्योर होगी. 3 साल के बाद हर एक महीने एक SIP मैच्योर होगी. अगर आपने ELSS में अप्रैल 2023 में निवेश शुरू किया और हर महीने 5000 रुपए का निवेश करते हैं तो अप्रैल 2023 की SIP अप्रैल 2026 में रीडिम हो जाएगी. वहीं, मई 2023 की SIP मई 2026 में मैच्योर होगी.
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ELSS में तभी निवेश करें जब आपको उन पैसों की 5-7 साल तक कोई जरूरत न हो. इसे रिडीम करने के लिए आपकी स्ट्रैटेजी ये होनी चाहिए कि जब फंड के 4 साल पूरे हों तो पहले साल के पेमेंट को निकाल लें. फिर 5वें साल में दूसरे साल का पैसा निकाल सकते हैं. इससे आप कैपिटल गेन टैक्स भी बचा पाएंगे. क्योंकि, अगर गेन्स 1 लाख से ज्यादा होगा तो 10% का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (plus surcharge and cess) भी देना होगा.
टैक्स छूट के लिए क्या करें?
हर फाइनेंशियल ईयर में टैक्स छूट के लिए स्टेटमेंट आफ पेमेंट दिखाना होगा कि आप ELSS में निवेश कर रहें हैं.
PPF से बेहतर क्यों है ELSS?
ELSS की तुलना अक्सर पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) से होती है. क्योंकि, PPF पूरी तरह टैक्स-फ्री है और ELSS में 1 लाख रुपए से ज्यादा के मुनाफे पर LTCG लगता है. पहले तो ये समझना होगा कि दोनों के रिटर्न में अंतर है. ELSS में PPF से बेहतर रिटर्न मिलता है. PPF पर फिलहाल 7.1% का ब्याज मिल रहा है. वहीं, ELSS मार्केट लिंक्ड है, इसलिए पिछले कुछ सालों में औसतन 10-12% रिटर्न दिया है. लॉक इन पीरियड के मामले में भी ELSS ज्यादा अच्छा ऑप्शन दिखाई देता है. क्योंकि, PPF में 15 साल का लंबा लॉक इन है. वहीं, ELSS में 3 साल बाद विड्रॉल संभव है.
04:38 PM IST