बेमौसम बरसात से खेतों में खड़ी फसल चौपट, किसानों के भारी नुकसान
उत्तर भारत में इस समय गेहूं की कटाई हो रही है. ज्यादातर खेतों में या तो कटाई का काम चल रहा है या फिर फसल कट कर खलिहानों में रखी हुई है. बीते दो दिनों से चल रही तेज हवाओं और बारिश से खड़ी फसल टूट कर खेतों में बिछ गई है.
बेमौसम बरसात और ओला गिरने से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में खेतों में खड़ी फसल के बड़े पैमाने पर बर्बाद होने के समाचार मिले हैं. (फोटो- Zeebiz/ Ajay Kumar from KAUSHAMBI)
बेमौसम बरसात और ओला गिरने से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में खेतों में खड़ी फसल के बड़े पैमाने पर बर्बाद होने के समाचार मिले हैं. (फोटो- Zeebiz/ Ajay Kumar from KAUSHAMBI)
पिछले दो दिनों से दिल्ली-एनसीआर समेत समूचे उत्तर भारत और दक्षिण भारत के कुछ इलाकों में तेज हवाओं के साथ रुक-रुक कर बारिश हो रही है. कहीं-कहीं पर ओला पड़ने की भी खबर है. बेमौसम हो रही इस बरसात से जहां एक तरफ आम लोगों को गर्मी से राहत मिली है, वहीं किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. खेतों में पक कर खड़ी गेहूं और दलहनी फसलों पर पानी पड़ने से काफी नुकसान हुआ है.
उत्तर भारत में इस समय गेहूं की कटाई हो रही है. ज्यादातर खेतों में या तो कटाई का काम चल रहा है या फिर फसल कट कर खलिहानों में रखी हुई है. बीते दो दिनों से चल रही तेज हवाओं और बारिश से खड़ी फसल टूट कर खेतों में बिछ गई है और जो फसल कटी हुई रखी है उसमें पानी भर गया है. दोनों ही स्थिति में किसानों को भारी नुकसान हुआ है.
मथुरा जिले के मुखराई गांव के किसानों ने बताया कि गेहूं की फसल टूट कर खेत में बिछ गई है, जिससे बालियों के दाने झड़ कर मिट्टी में मिल गए हैं. इससे उन्हें फसल काटने में काफी परेशानी हो रही है. खेतीहर मजदूरों ने फसल कटाई की मजदूरी भी बढ़ा दी है. क्योंकि गिरी हुई फसल को काटना आसान नहीं होता है.
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यहीं हाल बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश का है. बिहार के कौशाम्बी जिले में बुधवार की सुबह जोरदार बारिश हुई. बरसात से किसानों की खेत में खड़ी गेहूं की तैयार फसल भीग गई है. सबसे ज्यादा नुकसान दलहनी और तिलहनी फसलों को हुआ है. रुक-रुक कर हुई बारिश ने गेहूं की फसल को पूरी तरह से गीला कर दिया है. फसल के भीगने के बाद अब उसमे सड़न लग जाएगी और ऐसा गेहूं खाने लायक नहीं होगा.
बेमौसम बरसात से प्रभावित किसान अखिलेश, अमरेश और रामराज के मुताबिक, रात में हुई बरसात ने उनकी गेहूं, अरहर की फसल भीग कर खराब हो गई है. उन्होंने बताया कि इस फसल से अब लागत निकलना भी मुश्किल हो जाएगा.
अगर सरकारी आकड़ों में कौशाम्बी में खेती किसानी पर निर्भर लोगो की बात की जाए तो जिले में तकरीबन 2 लाख से अधिक ऐसे लोगों को चिन्हित किया जा चुका है, जो परंपरागत तरीके की खेती पर ही निर्भर हैं. ज्यादातर किसानों में अप्रैल के महीने में ही तैयार हुए गेहूं, दलहनी और तिलहनी फसलों की कटाई शुरू की है.
मध्य प्रदेश के होशंगाबाद और आसपास भी तेज बारिश हुई है. कुछ समय पहले यहां आग लगने से बड़े पैमाने पर गेहूं की फसल और जानमाल की हानि हुई थी. मंडियों में खुले में रखा गेहूं भीग गया है. मूसलाधार बारिश और तेज आंधी से मंडियों में रखा हजारों क्विंटल अनाज गीला हो गया है. मंडी प्रबंधन के पास खुले आसमान के नीचे रखे गेहूं को बारिश से बचाने के कोई प्रबंध नहीं है. इन दिनों मंडियों में गेहूं खरीदी चल रही है और मंडियों में गेहूं की अच्छी आवक भी हो रही है.
मंगलवार की रात जोरदार बारिश के चलते होशंगाबाद सहित सोहागपुर, सिबनी मालवा व अन्य गेहूं खरीदी केंद्रों पर खुले में रखा हजारों क्विंटल अनाज पूरी तरह भीग गया. इसके अलावा कई जगहों से आकाशीय बिजली गिरने से कई लोगों की मौत के समाचार भी मिल रहे हैं.
(कौशाम्बी से अजय कुमार, होशंगाबाद से पीताम्बर जोशी की रिपोर्ट)
11:25 AM IST