गन्ना किसानों को भुगतान के बदले मिलेगी चीनी, यूपी सरकार का फैसला
जिन गन्ना किसानों को पेराई सीजन 2019-20 का चीनी मिलों से भुगतान नहीं मिला है, वे किसान अपने बकाया मूल्य के बदले चीनी ले सकते हैं.
लॉकडाउन (Lockdown) के चलते तमाम उद्योग-धंधे बंद पड़े हुए हैं. आम आदमी से लेकर नौकरी-पेशा और कारोबारियों तक को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को परेशानी न हो, इसके लिए सरकार समय-समय पर बड़े कदम भी उठा रही है.
इस कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) ने गन्ना किसानों (Sugarcane farmers) को कुछ राहत देने के लिए बड़ा फैसला किया है. जिन गन्ना किसानों को पेराई सीजन 2019-20 का चीनी मिलों (Sugar Mills) से बकाए का भुगतान नहीं मिला है, वे किसान अपने बकाया मूल्य के बदले चीनी ले सकते हैं.
प्रदेश गन्ना एवं चीनी आयुक्त (Sugarcane Commissioner) संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि पेराई सत्र 2019-20 में चीनी मिलों को गन्ना आपूर्ति करने वाले किसान अपने बकाया गन्ना मूल्य (Sugarcane Payment) के बदले में चीनी (Sugar) ले सकते हैं.
उन्होंने बताया कि गन्ना किसानों की मांग पर विचार करने के बाद शासन ने यह फैसला लिया है. इस फैसले के अनुसार चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों को उनके बकाया गन्ना मूल्य के बदले उपलब्ध कराई गई चीनी का समायोजन गन्ना मूल्य के मद से किया जाएगा.
प्रत्येक किसान को एक क्विंटल चीनी हर महीने उस दिन के चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य एवं जीएसटी के आधार पर जून 2020 तक उपलब्ध कराई जाएगी. यदि मिल द्वारा उस दिन कोई चीनी मिल बिक्री नहीं की गई है तो उसके पहले के दिवस में चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य तथा जीएसटी के आधार पर किसानों को चीनी उपलब्ध कराई जाएगी.
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गन्ना एवं चीनी आयुक्त ने कहा कि इच्छुक गन्ना किसान अपने साधनों द्वारा मिल गोदाम से चीनी उठान करेंगे. इसके लिए उन्हें ढुलाई का खर्चा नहीं दिया जाएगा. चीनी का वितरण केंद्र सरकार द्वारा संबंधित मिल के तय मासिक कोटे के तहत ही होगा.