PM Modi Red Fort Speech: आज दुनिया भारत को देख रही है, राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा
PM Modi Red Fort Speech: इस खास मौके पर प्रधानमंत्री ने सिक्का और डाक टिकट भी जारी किए. पीएम ने कहा कि आज देश हमारे गुरुओं के आदर्शों पर लगातार आगे बढ़ रहा है.
PM Modi Red Fort Speech: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व के मौके पर गुरुवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि सभी 10 गुरुओं के चरणों में आदरपूर्वक नमन करता हूं. मुझे खुशी है आज हमारा देश पूरी निष्ठा के साथ हमारे गुरुओं के आदर्शों पर आगे बढ़ रहा है. इस पुण्य अवसर पर सभी दस गुरुओं के चरणों में नमन करता हूं. आप सभी को, सभी देशवासियों को और पूरी दुनिया में गुरुवाणी में आस्था रखने वाले सभी लोगों को प्रकाश पर्व की हार्दिक बधाई देता हूं. इस खास मौके पर प्रधानमंत्री ने सिक्का और डाक टिकट भी जारी किए. पीएम ने कहा कि आज देश हमारे गुरुओं के आदर्शों पर लगातार आगे बढ़ रहा है. आज दुनिया भारत की तरफ देख रही है.
उन्होंने आगे कहा कि ये लालकिला कितने ही अहम कालखण्डों का साक्षी रहा है. इस किले ने गुरु तेग बहादुर जी की शहादत को भी देखा है और देश के लिए मरने-मिटने वाले लोगों के हौसले को भी परखा है. ये भारतभूमि, सिर्फ एक देश ही नहीं है बल्कि हमारी महान विरासत है, महान परंपरा है. इसे हमारे ऋषियों, मुनियों, गुरुओं ने सैकड़ों-हजारों सालों की तपस्या से सींचा है, उसके विचारों को समृद्ध किया है.
उस समय भारत को अपनी पहचान बचाने के लिए एक बड़ी उम्मीद गुरु तेगबहादुर जी के रूप में दिखी थी. औरंगजेब की आततायी सोच के सामने उस समय गुरु तेगबहादुर जी, ‘हिन्द दी चादर’ बनकर, एक चट्टान बनकर खड़े हो गए थे. उस समय देश में मजहबी कट्टरता की आँधी आई थी. धर्म को दर्शन, विज्ञान और आत्मशोध का विषय मानने वाले हमारे हिंदुस्तान के सामने ऐसे लोग थे जिन्होंने धर्म के नाम पर हिंसा और अत्याचार की पराकाष्ठा कर दी थी.
TRENDING NOW
यहाँ लालकिले के पास में ही गुरु तेगबहादुर जी के अमर बलिदान का प्रतीक गुरुद्वारा शीशगंज साहिब भी है. ये पवित्र गुरुद्वारा हमें याद दिलाता है कि हमारी महान संस्कृति की रक्षा के लिए गुरु तेगबहादुर जी का बलिदान कितना बड़ा था. गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान ने, भारत की अनेकों पीढ़ियों को अपनी संस्कृति की मर्यादा की रक्षा के लिए, उसके मान-सम्मान के लिए जीने और मर-मिट जाने की प्रेरणा दी है.
गुरु नानकदेव जी ने पूरे देश को एक सूत्र में पिरोया. गुरु तेगबहादुर जी के अनुयायी हर तरफ हुए. पटना में पटना साहिब और दिल्ली में रकाबगंज साहिब, हमें हर जगह गुरुओं के ज्ञान और आशीर्वाद के रूप में ‘एक भारत’ के दर्शन होते हैं. बड़ी-बड़ी सत्ताएँ मिट गईं, बड़े-बड़े तूफान शांत हो गए, लेकिन भारत आज भी अमर खड़ा है, आगे बढ़ रहा है.
ये सिक्का और डाक टिकट हुए जारी
पिछले वर्ष ही हमारी सरकार ने, साहिबजादों के महान बलिदान की स्मृति में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाने का निर्णय लिया. सिख परंपरा के तीर्थों को जोड़ने के लिए भी हमारी सरकार निरंतर प्रयास कर रही है. श्री गुरुग्रंथ साहिब जी हमारे लिए आत्मकल्याण के पथप्रदर्शक के साथ साथ भारत की विविधता और एकता का जीवंत स्वरूप भी हैं. इसलिए, जब अफ़ग़ानिस्तान में संकट पैदा होता है, हमारे पवित्र गुरुग्रंथ साहिब के स्वरूपों को लाने का प्रश्न खड़ा होता है, तो भारत सरकार पूरी ताकत लगा देती है.
भारत ने कभी किसी देश या समाज के लिए खतरा नहीं पैदा किया. आज भी हम पूरे विश्व के कल्याण के लिए सोचते हैं. हम आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं, तो उसमें पूरे विश्व की प्रगति लक्ष्य का सामने रखते हैं. नई सोच, सतत परिश्रम और शत प्रतिशत समर्पण, ये आज भी हमारे सिख समाज की पहचान है. आजादी के अमृत महोत्सव में आज देश का भी यही संकल्प है. हमें अपनी पहचान पर गर्व करना है. हमें लोकल पर गर्व करना है, आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री बन गए
आपको बता दें, पीएम मोदी सूर्यास्त के बाद मुगलकालीन स्मारक से देश को संबोधित करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं. साथ ही स्वतंत्रता दिवस के अलावा, यह दूसरी बार है जब पीएम ऐतिहासिक स्मारक लाल किला से भाषण दिया.
10:40 PM IST