प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 2022 तक सभी नागरिकों को समुचित आवास मुहैया कराने के उनकी सरकार के लक्ष्य को पूरा करने के लिए निजी क्षेत्र से मदद की अपील की है. कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी इंडिया इवेंट 2019 को संबोधित करते हुए मोदी ने सरकार की प्रत्येक परिवार को घर मुहैया कराने की प्रतिबद्धता पर जोर दिया. पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के कार्यकाल में 25 लाख घरों के निर्माण की तुलना बीते साढ़े चार वर्षो में 1.3 करोड़ घरों से करते हुए मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार कर और अन्य प्रयास के साथ लोगों के लिए घर खरीदना आसान बना रही है.

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हर भारतीय के पास हो पक्का घर

प्रधानमंत्री ने कहा, "मेरा सपना है कि 2022 तक सभी भारतीय के पास एक समुचित घर हो. मुझे निजी क्षेत्रों की मदद की जरूरत है. आइए गरीब से गरीब की मदद करने के लिए एकसाथ काम करें." उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना, हृदय, अमृत जैसी कई योजनाएं आवास क्षेत्र में बदलाव लाने की दिशा से लाई गई हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि रियल एस्टेट रेग्यूलेटरी अथॉरिटी बिल (रेरा) से ग्राहकों का डेवलपर्स पर विश्वास बढ़ा है और रीयल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता आई है. प्रयागराज में चल रहे कुंभ में तंबुओं में इस्तेमाल की जा रही विनिर्माण प्रौद्योगिकी का उदाहरण देते हुए मोदी ने त्वरित शहरीकरण के लिए भी आवासीय प्रौद्योगिकी की जरूरत पर जोर दिया.

 

फाइल फोटो - रॉयटर्स

वित्त वर्ष 2019-20 को निर्माण-प्रौद्योगिकी वर्ष घोषित 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वित्त वर्ष 2019-20 को शनिवार को निर्माण प्रौद्योगिकी वर्ष घोषित कर दिया. मोदी ने निर्माण प्रौद्योगिकी भारत-2019 प्रदर्शनी सह संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने किफायती आवास पर मुख्य ध्यान दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने रीयल एस्टेट क्षेत्र से संबंधित नियम-कानूनों को बदला और इसके साथ ही कौशल विकास के साथ ही प्रौद्योगिकी में सुधार किया. उन्होंने कहा, ‘‘भारत उन चुनिंदा देशों में है जहां घरों की मांग तेजी से बढ़ रही है. इस मांग को पूरा करने के लिये निर्माण क्षेत्र में उन्नत प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को लेकर मैं अप्रैल 2019 से मार्च 2020 को निर्माण प्रौद्योगिकी वर्ष घोषित करता हूं.’’ 

(इनपुट एजेंसी से)