JRD Tata: जब टाटा ने खुद बदला प्लेन में टॉयलेट पेपर, जानिए एयर इंडिया से उन्हें कितना था लगाव
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Wed, Jul 28, 2021 10:42 PM IST
JRD Tata:भारत में आधुनिक उद्योग की नींव रखने की बात हो तो टाटा परिवार के मशहूर उद्योगपति जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा (JRD Tata) का नाम सबसे पहले जेहन में आता है. उन्होंने देश में स्टील, इंजीनियरिंग, होटल, ऑटोमोबाइल के विकास में बहुत योगदान दिया. इसके साथ ही देश में सिविल एविएशन की नींव रखने का श्रेय भी JRD Tata को जाता है. उन्होंने देश में पहले एयरलाइंस टाटा एयरलाइंस की स्थापना की थी, जो बाद में एयर इंडिया में तब्दील हो गई. आइए जानते हैं जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा के एयरलाइंस से इस लगाव से जुड़े कुछ किस्से.
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देश के पहले कॉमर्शियल पायलट
जेआरडी टाटा ने 15 साल की उम्र में पहली बार प्लेन में बैठने के बाद यह तय कर लिया था कि वो इसे अपना करियर बनाएंगे. जिसके बाद 24 साल की उम्र में वो भारत के पहले व्यक्ति थे, जिन्हें कॉमर्शियल पायलट का लाइसेंस मिला था. 1930 में उन्होंने आगा खान कम्पटीशन में भाग लेने के लिए भारत से इंग्लैंड के बीच अकेले सफर किया था. (Source: Tata Official Website)
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टाटा एयरलाइंस के जनक
जेआरटी टाटा ने प्लेन से अपने इस प्यार के कारण 1932 में टाटा एयरलाइंस को बनाया. टाटा एयरलाइंस ने उस वक्त कराची से मुंबई के लिए पहली उड़ान भरी थी. बाद में टाटा एयरलाइंस का नाम बदलकर एयर इंडिया रख दिया, जो कि देश की पहली नेशनल एयरलाइंस थी. 1946 में एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण हो गया था. (Source: Tata Official Website)
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Chairman of Air India
एयर इंडिया के राष्ट्रीयकरण के बाद भी टाटा का प्यार एयर इंडिया से कम नहीं हुआ था. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1953 में जेआरडी टाटा को एयर इंडिया का चेयरमैन बनाया था. टाटा अगले 25 साल तक एयर इंडिया के चेयरमैन रहें. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने एयर इंडिया को बुलंदियों पर पहुंचाया. एयर इंडिया को अपने समय का पक्का होने और बेहतर सर्विस के लिए जाना जाने लगा था. (Source: Tata Official Website)
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