रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को नई दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक में AK  203 असॉल्ट राइफलों के उत्पादन के लिए उत्तर प्रदेश के कोरवा में हाल ही में लगाए गए कारखाने  इंडो रूसी राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) के संचालन की समीक्षा की. इस फैक्ट्री का उद्घाटन 03 मार्च 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.

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हर साल इतनी राइफलें बनाई जाएंगी

इस कारखाने में हर साल लगभग 7.50 लाख AK 203 असॉल्ट राइफलें बनाए जाने की योजना है . इंडो रूसी राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड भारत और रूस का एक साझा प्रोजेक्ट है.

इंसास राइफल की जगह लेगी AK 203

इस फैक्ट्री में बनने वाली AK 203 असॉल्ट राइफलें स्वदेशी इंसास राइफलों की जगह लेंगी. इन राइफलों को पूरी तरह से मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत बनाया जाएगा. इस कारखाने को लगाने में लगभग 12 हजार करोड़ रुपये का खर्च आया है.

भारत की है 50 फीसदी की हिस्सेदारी

भारत और रूस के बीच इस कारखाने को लगाने को ले कर हुए समझौते के तहत इस कारखाने में भारत की हिस्सेदारी 50.5 फीसदी होगी. वहीं इसमें रूस की हिस्सेदारी 49.5 फीसदी की है.

क्या खास है AK 203 राइफल में

  • AK 203 राइफल AK 47 राइफल का आधुनिक रूप है
  • AK 203 राइफल 400 मीटर के दायरे से 100 फीसदी सटीक वार कर सकती है
  • इंसास और AK 47 के मुकाबले यह राइफल छोटी और हल्की है
  • AK 203 में आसानी से नाइट विजन डिवाइस लगाई जा सकती है
  • AK 203 राइफल की कुल लम्बाई 3.25 फुट होगी
  • AK 203 राइफल से एक मिनट में 600 गोलियां फायर की जा सकती हैं