H3N2, Covid-19, Adenovirus: देश पर वायरस का ट्रिपल अटैक! आप भी बुखार और खांसी से बेदम हैं तो पढ़िए ये रिपोर्ट
H3N2, Covid 19, Adenovirus: वायरल बुखार के ट्रिपल अटैक से हर कोई परेशान है. ये ट्रिपल अटैक क्या है, हम आपको ये समझाते हैं जिससे आप भी अगर बुखार की चपेट में आए होंगे तो आप समझ पाएंगे कि आपको क्या हुआ है.
H3N2 Influenza, Covid-19, और Adenovirus ने किया बेदम. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
H3N2 Influenza, Covid-19, और Adenovirus ने किया बेदम. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
H3N2, Covid 19, Adenovirus: भारत इन दिनों बुखार की गिरफ्त में है. ये बुखार ना होली के त्यौहार का है, ना प्यार का- ये असल वाला वायरल बुखार है, जिसके ट्रिपल अटैक से हर कोई परेशान है. ये ट्रिपल अटैक क्या है, हम आपको ये समझाते हैं जिससे आप भी अगर बुखार की चपेट में आए होंगे तो आप समझ पाएंगे कि आपको क्या हुआ है. वायरल बुखार का पहला प्रकार है- H3N2. कोरोनावायरस (Coronavirus) के लक्षणों जैसा ये बुखार 18 वर्ष से ज्यादा के लोगों को परेशान कर रहा है. दूसरा प्रकार है एडिनोवायरस, इसका हमला बच्चों पर हो रहा है. पश्चिम बंगाल में अभी तक इस वायरस के सबसे ज्यादा मामले देखे गए हैं, हालांकि ये दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में फैल चुका है. और तीसरा बुखार है कोरोनावायरस – मौसम के बदलाव की वजह से कोरोना के मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है.
देश में फिर बढ़े हैं कोरोनावायरस के मामले (Covid Cases in India)
भारत में इस समय कोरोना के कुल 2,970 एक्टिव मरीज हैं. पिछले 24 घंटे में 69 मामले बढ़े हैं. इनमें से सबसे ज्यादा 26 केस महाराष्ट्र, 15 केरल, 13 गुजरात और 10 तमिलनाडु से रिपोर्ट हुए हैं. एक हफ्ते में कोरोना बुखार के मामले 70 फीसदी बढ़े हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि सभी तरह के वायरस इन दिनों एक्टिव हैं. मौसम के तेजी से बदलाव से वायरस को एक्टिव होने में मदद मिलती है. लोग कंफ्यूज हैं कि ये बुखार उतरता क्यों नहीं, और डॉक्टर कोरोना, एडिनोवायरस और अब H3N2 के मरीजों से जूझ रहे हैं.
तीन वायरस के ट्रिपल अटैक से जूझ रहा देश
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी चेतावनी दी है कि ये सभी वायरल बुखार हैं जो 5 दिन से ज्यादा का समय ले रहे हैं, कुछ मामलों में 2 महीने का भी. लेकिन बिना जरूरत एंटीबायोटिक दवाएं ना खाएं क्योंकि वायरल बुखार में इन दवाओं का कोई काम नहीं होता. दिल्ली एनसीआर समेत भारत के कई हिस्सों में वायरल बुखार फैला हुआ है. बुखार खांसी जुकाम के मरीजों से अस्पतालों की ओपीडी भरी पड़ी हैं. साधारण फ्लू जैसे लक्षणों के साथ लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं. लेकिन हफ्ते भर तक लोगों का बुखार उतरने का नाम नहीं ले रहा है. डॉ कोरौनावायरस का टेस्ट करवा रहे हैं तो निकल रही नई बीमारी. इस वायरस का नाम है H3N2.
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डॉक्टरों का क्या है कहना?
डॉ मोहसिन वली ने बताया कि यह जो एडिनोवायरस, कोरोना वायरस और H3N2 वायरस का फैलाव हम देख रहे हैं इसके पीछे का एक बड़ा कारण मौसम भी है. इसके अलावा एडिनोवायरस ज्यादातर बच्चों में फैलता देखा जा रहा है इसके जो लक्षण हैं, उसमें सर्दी खांसी जुकाम यह सब देखा जा रहा है. इसके अलावा फ्लू है इसका वैक्सीन हमारे पास है मगर यह ज्यादातर बड़ों के ऊपर अटैक करता है इसमें भी सर्दी, खांसी, बदन दर्द इन सब का सामना लोगों को करना पड़ रहा है. इसके अलावा हम इन्फ्लूएंजा की बात कर रहे हैं जो अभी लोगों के अंदर लंबे वक्त तक रहने वाली सर्दी, खांसी और गला दर्द का कारण बन चुका है.
कोरोना जैसे लक्षण लेकिन कोरोना नहीं, क्या है H3N2?
बुजुर्गों और बच्चों को शिकार बना रहे इस बुखार का इलाज क्या है और कितने लोग इसकी गिरफ्त में हैं, ये समझने के लिए हम टेस्टिंग लैब पहुंचे, जहां पता चला कि वायरस के टेस्ट के लिए आ रहे 10 में से 6 सैंपल में H3N2 POSITIVE मिल रहे हैं. साधारण फ्लू जहां दो से तीन दिनों में ठीक हो जाता है, वहीं H3N2 लंबा समय ले रहा है. H3N2 इन्फ्लुएंजा ए वायरस का एक सबटाइप है, जो पहले कई इन्फ्लूएंजा के प्रकोपों का कारण रहा है. इसी तरह एडिनोवायरस श्वास नली पर हमला कर रहा है. कोरोना की ही तरह तीनों वायरस upper respiratory infection यानी सांस की नली को प्रभावित करते हैं जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है और खांसी से मरीज परेशान रहते हैं. देश में इस वक्त जो वायरल बुखार फैले हैं उनमें टेस्ट करवाने पर कोरोनावायरस, एडिनोवायरस और H3N2 तीनों ही पाए जा रहे हैं.
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क्या हैं तीनों बुखार के लक्षण (H3N2, Covid 19, Adenovirus Symptoms)
आम लोगों के लिए ये जानना जरूरी है कि इन तीनों वायरल बुखार का इलाज एक ही तरीके से होता है. तीनों बुखार के लक्षण भी एक से ही हैं.
- ठंड लगना
- खांसी, ज़ुकाम
- बुखार
- उल्टी
- गले में खराश
- मांसपेशियों और शरीर में दर्द
- पेट खराब होना
अस्पताल में भर्ती होने की आ सकती है नौबत
इस बार फ्लू के मामले लंबे खिंच रहे हैं. ज्यादातर मामलों में आराम करने और गरम तरल पदार्थ लेने से बीमारी काबू में आ रही है लेकिन ऐसे लोगों को फ्लू से विशेष तौर पर सावधान रहना चाहिए, जिनका किसी लंबी बीमारी की वजह से इम्यून सिस्टम कमजोर है. इसके अलावा 0-12 वर्ष के बच्चे, 60 वर्ष से ज्यादा के बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को भी विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. इनमें से कुछ को अस्पताल में पहुंच कर नेबुलाइजर की तो कुछ को भर्ती होने की जरूरत पड़ सकती है क्योंकि ये तीनों वायरल बुखार श्वास नली पर हमला करते हैं जिससे सांस लेने में तकलीफ बढ़ सकती है.
क्या है इलाज? (H3N2 treatment and precaution)
साधारण मामलों में आराम, बुखार के लिए पैरासिटामोल, गर्म तरल पदार्थ, खांसी से राहत के लिए कफ सिरप या अदरक और शहद जैसे नुस्खे भी राहत दे सकते हैं. इस बार वायरल के ट्रिपल अटैक के पीछे डॉक्टर्स सर्दी से अचानक आई गर्मी यानी मौसम के तेजी से बदलने को भी एक बड़ा कारण मान रहे हैं. PSRI HOSPITAL, दिल्ली की श्वास रोग विशेषज्ञ डॉक्टर डॉ नीतू जैन ने बताया कि "कोरोनावायरस की तरह ही एडिनोवायरस और H3n2 खांसने छींकने या बीमार व्यक्ति के सलाइवा के संपर्क मे आने से फैल सकते हैं. वायरस की पहचान करना चाहते हों तो कोविड की तरह ही सैंपल देकर टेस्ट करवाया जा सकता है." माइक्रोबायोलॉजी एक्सपर्ट डॉ सोनिका के मुताबिक इसका टेस्ट भी कोरोना जैसा ही है. गले और नाक से सैंपल लिया जाता है और 24 घंटे में रिपोर्ट आ जाती है.
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कैसे रखना है खयाल, डॉक्टर से जानिए
डॉ सोनिका ने कहा कि "कोरोनावायरस से बचने के तरीके हर वायरल बुखार से बचाने का काम कर सकते हैं. भीड़ वाली जगहों पर मास्क लगाकर जाएं. घर में कोई बीमार हो तो मरीज के साथ साथ खुद भी मास्क लगाएं. बीमार व्यक्ति की चीजों को छूने से बचें. हो सके तो मरीज को 5 से 7 दिन आइसोलेशन में रखें. घर में छोटे बच्चों को खास तौर पर बीमार लोगों से बचा कर रखें क्योंकि एडिनोवायरस ज्यादा बच्चों को परेशान कर रहा है और H3N2 बड़ों को. हाथों को बार बार साबुन से धोएं. सेनिटाइजर का प्रयोग भी कर सकते हैं. बुखार के लिए पैरासिटामोल लें. सबसे जरूरी बात– वायरल बुखार में एंटीबायोटिक दवाओं का कोई रोल नहीं होता. बिना जरूरत ऐसी दवाएं खाने से बचें. अगर गले या कान में बहुत दर्द हो तो टेस्ट करवाएं. अगर टेस्ट में वायरस के अलावा कोई बैक्टीरियल इंफेक्शन पाया जाता है, तभी डॉक्टर की सलाह से एंटीबायोटिक दवाएं लें और इन दवाओं का कोर्स जरूर पूरा करें.
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