इस कंपनी के 600 कर्मचारियों को मिलेगा नई कार का दिवाली गिफ्ट, PM मोदी आज सौंपेंगे चाबी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्किल इंडिया इनसेंटिव सेरेमनी के तहत दो महिलाओं को गुरुवार को कार की चाबी सौंपेंगे.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (फाइल फोटो)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (फाइल फोटो)
वह शख्स है तो एक कारोबारी, लेकिन उसे अपने कर्मचारियों से उसे बेहद लगाव है. वह हर कर्मचारी को अपने परिवार के सदस्य की तरह मानता है और उसकी खुशियों का खास खयाल भी रखता है. जी हां, यह कारोबारी हैं सावजी भाई ढोलकिया. पेशे से हीरा व्यापारी हैं. लोग इन्हें सूरत डायमंड किंग के नाम से भी जानते हैं. सावजी भाई जितने बड़े हीरा व्यापारी हैं, उतना ही बड़ा वो दिल भी रखते हैं. इन्होंने इस दिवाली अपने 1700 कर्मचारियों को दिवाली का शानदार उपहार देने का फैसला किया है. सावजी भाई कर्मचारियों को उपहार स्वरूप कार, घर और जेवरात देने की तैयारी की है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्किल इंडिया इनसेंटिव सेरेमनी के तहत दो महिलाओं को गुरुवार को कार की चाबी सौंपेंगे.
600 कर्मचारी को मिलेगी कार
जरूरत के हिसाब से उपहार देने वाले हीरा व्यापारी ने इस बार 600 कर्मचारियों को कार देने के लिए चुना है. इसके अलावा 1100 कर्मचारियों को घर, बैंक एफडी और ज्वेलरी दी जाएगी. सावजी भाई का दिल इतना बड़ा है कि हाल ही में उन्होंने कंपनी में पिछले 25 साल से काम करने वाले तीन मैनेजर को उपहार में मर्सिडीज कार दी. ऐसे चौंकाने वाले काम के लिए यह हीरा व्यापारी काफी चर्चा में रहे हैं.
कर्मचारियों पर करते हैं नाज
दिग्गज हीरा व्यापारी सावजी भाई अपने कर्मचारियों पर गर्व करते हैं. हाल में उन्होंने कहा कि आज मैं जो कुछ हूं अपने कर्मचारियों की वजह से हूं. उन्होंने कंपनी को अपने मेहनत और लगन से सींचा है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के लिए ये सब करना मुझे आनंदित कर देता है. इससे मिलने वाली खुशी का कोई अंत नहीं. सावजी भाई हरे कृष्णा डायमंड एक्सपोर्ट कंपनी के मालिक हैं, इनकी कंपनी में 8,000 कर्मचारी काम करते हैं. कंपनी का सालाना टर्न ओवर 6,000 करोड़ रुपये है.
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सावजी भाई का सफर
गुजरात के अमरेली जिले के डुढाला गांव के रहने वाले सावजी भाई वर्ष 1977 में सूरत आए थे. कक्षा 4 तक पढ़े सावजी भाई को लेकर बताया जाता है कि जब वह अपने घर से चले थे तो जेब में मात्र 12.50 रुपये थे और यह पैसे भी बस किराए में ही खर्च हो गए थे. सूरत में इन्होंने 179 रुपये की नौकरी शूरू की थी. 10 साल तक अपने दोस्त की मदद से इन्होंने हीरा घिसने का काम सीखा और किया. इन्होंने अपने कारोबार को शून्य से शिखर तक अपने दम पर पहुंचाया. वर्ष 1991 में इनकी कंपनी का टर्नओवर 1 करोड़ रुपये था जो आज 6,000 करोड़ है.
12:46 PM IST