DHFL ने किया 31 हजार करोड़ का घपला! मीडिया रिपोर्ट में दावा
एक मीडिया रिपोर्ट में दावा है कि दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) पर सरकारी बैंकों से उठाए 31 हजार करोड़ रुपए के कर्ज का दुरुपयोग करने का आरोप लगा है.
इन्वेस्टिगेटिव साइट 'कोबरा पोस्ट' के स्टिंग के अनुसार DHFL ने बैंकों से कुल 97,000 करोड़ रुपये का कर्ज जुटाया था. (फोटो : जी न्यूज)
इन्वेस्टिगेटिव साइट 'कोबरा पोस्ट' के स्टिंग के अनुसार DHFL ने बैंकों से कुल 97,000 करोड़ रुपये का कर्ज जुटाया था. (फोटो : जी न्यूज)
नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) पर सरकारी बैंकों से उठाए 31 हजार करोड़ रुपए के कर्ज का दुरुपयोग करने का आरोप लगा है. एक मीडिया रिपोर्ट में ऐसा दावा है. इन्वेस्टिगेटिव साइट 'कोबरा पोस्ट' के स्टिंग के अनुसार DHFL ने बैंकों से कुल 97,000 करोड़ रुपये का कर्ज जुटाया था. बाद में कई फर्जी कंपनियों के माध्यम से उसने इसमें से कथित तौर पर 31,000 करोड़ रुपये की हेराफेरी की. डीएचएफएल ने यह राशि सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा से जुटाई थी.
कहां खपाया 31 हजार करोड़
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि DHFL के प्रवर्तकों (Promoter) ने फर्जी कंपनियों जरिए 31 हजार करोड़ रुपए अपने खाते में डलवाए और फिर उससे विदेश में प्रॉपर्टी खरीदी. यही नहीं इसमें काफी धन शेयरों में भी निवेश किया गया है. साथ ही श्रीलंका में 1 क्रिकेट टीम भी खरीदी गई है, जिसकी कीमत 4000 करोड़ रुपए बताई जा रही है. DHFL के प्रवर्तक वाधवन परिवार के लोग हैं.
पूर्व फाइनेंस मिनिस्ट ने जांच की मांग की
इस बीच, पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने डीएचएफएल कर्ज की रकम के कथित हेरफेर मामले में जांच की मांग की है. कोबरापोस्ट की रिपोर्ट सामने आने के बाद सिन्हा ने कहा कि इसमें राजनीतिक चंदा देने समेत अन्य बातें-बातें सामने आई हैं, जिनके सभी पहलुओं पर यदि सरकार तत्काल जांच कराने में विफल रहती है तो यह सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करेगा. इसलिए उन्होंने अदालत की निगरानी में एक विशेष जांच दल से इसकी जांच कराए जाने की मांग की है. सिन्हा ने कहा कि इस घटना का खुलासा होने से सरकार के लाखों फर्जी कंपनियों को खत्म करने के दावे पर भी सवाल खड़े होते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार के सभी नियामक और एजेंसियां इन खोटे सौदों को पकड़ने में नाकाम रही हैं.
TRENDING NOW
पूर्व मंत्री के आरोप को DHFL ने गलत बताया
हालांकि, डीएचएफएल ने सिन्हा के आरोप को दुर्भावनापूर्ण बताया. डीएचएफएल ने एक बयान में बताया कि वह एक सूचीबद्ध कंपनी है. यह भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड(SEBI), राष्ट्रीय आवास बैंक (NHB) और अन्य नियामकों की निगरानी में काम करती है. बयान में कहा गया है कि कोबरापोस्ट द्वारा की गई यह कार्रवाई कंपनी की छवि को नुकसान पहुंचाने की दुर्भावना से प्रेरित है जिससे कंपनी के शेयरों की कीमत प्रभावित होती है.
DHFL के शेयर गिरे
यह आरोप लगने के बाद से डीएचएफएल के शेयर में गिरावट जारी है. बीएसई पर कंपनी का शेयर मंगलवार को 8.01 प्रतिशत गिरकर 170.05 रुपये पर बंद हुआ. वहीं एनएसई पर यह 8.22 प्रतिशत घटकर 169.70 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ. पिछले दो दिन में कंपनी का शेयर 18.71 प्रतिशत घटा है.
01:31 PM IST