DU University: दिल्ली यूनिवर्सिटी ने P.hd के फीस में की कटौती, पहले 10 गुना बढ़ाए गए थे फीस
DU University: दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंग्रेजी विभाग ने पीएचडी फीस बढ़ा दी है. पिछले साल इसी कोर्स की फीस लगभग 1,932 रुपये थी, जबकि इस साल इसे बढ़ाकर 24,000 रुपये कर दिया गया था.
DU University: दिल्ली यूनिवर्सिटी ने P.hd के फीस में की कटौती, पहले 10 गुना बढ़ाए गए थे फीस
DU University: दिल्ली यूनिवर्सिटी ने P.hd के फीस में की कटौती, पहले 10 गुना बढ़ाए गए थे फीस
DU University: दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंग्रेजी विभाग ने पीएचडी फीस बढ़ा दी है. पिछले साल इसी कोर्स की फीस लगभग 1,932 रुपये थी, जबकि इस साल इसे बढ़ाकर 24,000 रुपये कर दिया गया था. शिक्षकों और छात्रों की नाराजगी के बाद अब फीस कम किए गए है.
डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट ने जताई थी नाराजगी
यह अंग्रेजी विभाग की फीस अब 24,000 की बजाय 17,118 रुपए होगी. दिल्ली विश्वविद्यालय के डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (डीटीएफ) ने नाराजगी जताते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति को एक पत्र लिखा था. उन्होंने अपने पत्र में कहा कि, यह बिल्कुल चौंकाने वाला निर्णय है क्योंकि फीस में इतनी भारी बढ़ोतरी पर अकादमिक परिषद और कार्यकारी परिषद में चर्चा नहीं की गई.
पिछले साल से दस गुना से भी अधिक बढ़ी फीस
शिक्षकों का कहना है कि अधिकांश विभागों ने फीस बढ़ा दी है, जो दुर्भाग्यपूर्ण भी है, लेकिन अंग्रेजी विभाग ने पूरी तरह से अनुचित और मनमाने ढंग से फीस वृद्धि की है. यहां इसे पिछले वर्ष से दस गुना से भी अधिक बढ़ा दिया. डीटीएफ की सचिव प्रोफेसर आभा देव हबीब ने कहा कि यह संशोधन संतोषजनक नहीं है. हम मांग करते हैं कि विश्वविद्यालय तुरंत फैसले की समीक्षा करे.
कई पीएचडी प्रोग्राम की फीस हुई दोगुनी
पीएचडी की फीस में बढ़ोतरी को कभी भी वैधानिक संस्थाओं में चर्चा के लिए नहीं रखा गया. कई पीएचडी प्रोग्राम की फीस दोगुनी कर दी गई है. यह भी हमें अस्वीकार्य है. न केवल विभागों और संकायों में एक कार्यक्रम की फीस संरचनाओं में समानता होनी चाहिए बल्कि यह विश्वविद्यालय की सार्वजनिक वित्त पोषित प्रकृति (Publicly funded nature of the university) को भी प्रतिबिंबित करना चाहिए.
फीस वृद्धि का छात्रों पर पड़ेगा गंभीर प्रभाव
शिक्षकों का कहना है कि इस फीस वृद्धि का छात्रों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा. दिल्ली विश्वविद्यालय के इस फीस बढोत्तरी के बदलाव ने छात्रों पर भारी वित्तीय बोझ और परिणामस्वरूप मानसिक तनाव डाला है. यह छात्रों के एक बड़े वर्ग को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच से वंचित कर देगा और विविध पृष्ठभूमि से छात्रों के प्रवेश को निराश करेगा. उन्होंने कहा कि छात्र, शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारी अभिभावकों के साथ मिलकर फीस वृद्धि को वापस लेने के लिए एकजुट होकर लड़ेंगे.
10:48 AM IST