आयुष से जुड़े 31 जड़ी-बूटियों को जांच करना होगा आसान, बीआईएस ने तय किए भारतीय मानक
भारतीय मानक ब्यूरो ने आयुष जड़ी-बूटियों की गुणवत्ता और शुद्धता को जांचने के लिए भारतीय मानक तय किए हैं. इससे कई फायदें होंगे.
आयुष से जुड़े 31 जड़ी-बूटियों को जांच करना होगा आसान, बीआईएस ने तय किए भारतीय मानक
आयुष से जुड़े 31 जड़ी-बूटियों को जांच करना होगा आसान, बीआईएस ने तय किए भारतीय मानक
भारतीय मानक ब्यूरो ने आयुष जड़ी-बूटियों की गुणवत्ता और शुद्धता को जांचने के लिए भारतीय मानक तय किए हैं. इससे कई फायदें होंगे. इस पहल से आयुष का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापार बढ़ेगा और आयुर्वेद, होम्योपैथी, सिद्धा, यूनानी सहित नेचुरोपैथी की दवाएं लेने वाले उपभोक्ताओं को भी लाभ होगा.
31 जड़ी-बूटियों को जांच करना होगा आसान
मानकीकरण, अंकन और गुणवत्ता प्रमाणन की गतिविधियों के लिए अनिवार्य भारत के राष्ट्रीय मानक निकाय, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने आयुष के क्षेत्र में मानकीकरण के लिये एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. बीआईएस ने आयुष से संबंधित 31 भारतीय मानकों को अधिसूचित किया है, जिसमें से 30 जड़ी-बूटियों और एक उत्पाद (स्टेनलेस स्टील नेटी पॉट) शामिल हैं. इन मानकों को हाल ही में राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से प्रकाशित किया गया था. बीआईएस ने आयुष के केन्द्रीयकरण को समर्पित एक अतिरिक्त विभाग की भी स्थापना की है.
आयुष मंत्रालय ने की सराहना
आयुष मंत्रालय ने बीआईएस के इस कदम की सराहना की है और माना है कि मानकों के विकास और आयुष के प्रमाणन के लिए बीआईएस का यह प्रयास उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करके, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ाएगा, निर्माताओं को विश्वास प्रदान करेगा और लागत कम कर, प्रदर्शन और सुरक्षा में सुधार कर उपभोक्ताओं को भी लाभ पहुंचाएगा.
तय किए गए भारतीय मानक
बीआईएस ने, बीआईएस में आयुष केंद्रित एक समर्पित अतिरिक्त विभाग की स्थापना करके भारत में मानकीकरण की अपनी मजबूत संरचना में एक और स्तम्भ को जोड़ा है. ऐसा माना जाता है कि बीआईएस का यह कदम न केवल मानकीकरण की प्रक्रिया को गति प्रदान करेगा बल्कि आयुष मंत्रालय के सभी स्तरों पर उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य में भी मदद करेगा.
‘पारंपरिक चिकित्सा’ पर दिया जा रहा जोर
बीआईएस ने अपनी नई पहल में मानकीकरण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठन आईएसओ के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय मानक तैयार करने की भी शुरुआत की है. बीआईएस की सलाह पर आईएसओ/टीसी-215 स्वास्थ्य सूचना विज्ञान में ‘पारंपरिक चिकित्सा’ पर एक कार्य समूह (डब्ल्यूजी-10) बनाया गया है.
वैश्वीकरण और पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों के बढ़ते उपयोग के कारण आयुष प्रणालियों के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों की अनिवार्यता बढ़ गई है. आयुष मंत्रालय राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर उपभोक्ताओं को गुणवत्ता पूर्ण उत्पादों और सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने और व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए एक जीवंत ‘क्वालिटी इकोसिस्टम’ बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है.
06:12 PM IST