Union Budget 2023: महिला वित्त मंत्री के कार्यकाल में अब तक महिलाओं को क्या मिला?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस साल अपना पांचवां बजट पेश करने जा रही हैं. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का ये आखिरी पूर्ण बजट है. ऐसे में महिला वित्त मंत्री से महिलाओं को खास उम्मीदें हैं.
महिला वित्त मंत्री के कार्यकाल में अब तक महिलाओं को क्या मिला?
महिला वित्त मंत्री के कार्यकाल में अब तक महिलाओं को क्या मिला?
Budget 2023 कुछ ही समय में पेश होने वाला है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) वित्त मंत्रालय से रवाना हो चुकी हैं और कुछ ही समय में राष्ट्रपति से मंजूरी लेंगी. इसके बाद 11 बजे बजट को लोकसभा में पेश किया जाएगा. मोदी सरकार के चौथे कार्यकाल का ये आखिरी पूर्ण बजट है. ऐसे में इस बजट से हर वर्ग को खास उम्मीदें हैं. चूंकि वित्त मंत्री खुद भी एक महिला हैं, ऐसे में महिलाओं को भी उनसे काफी उम्मीदें हैं. महंगाई को काबू करने के साथ इस बार महिला वित्त मंत्री से महिलाएं टैक्स स्लैब बढ़ाकर 10 लाख तक करने की मांग कर रही हैं. महिलाओं की ये मांग पूरी होगी या नहीं, ये तो बजट पेश होने पर ही पता चलेगा, लेकिन यहां एक नजर डालते हैं कि पिछले चार सालों में महिला वित्त मंत्री ने महिलाओं को क्या दिया.
साल 2019
साल 2019 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महिलाओं के लिए नारी तू नारायणी योजना लॉन्च करने का ऐलान किया था. इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना था. इसके अलावा जनधन बैंक खाता रखने वाली महिलाओं को 5000 रुपए के ओवर ड्राफ्ट की सुविधा, इसके अलावा सेल्फ हेल्प ग्रुप में काम करने वाली किसी एक महिला को मुद्रा स्कीम के तहत 1 लाख रुपए का कर्ज और स्टैंड अप इंडिया योजना से महिलाओं को लाभ दिए जाने का ऐलान किया था.
साल 2020
साल 2020 में वित्त मंत्री ने महिलाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए 10 करोड़ परिवारों के न्यूट्रिशन की भी घोषणा की. महिला संबंधी कार्यक्रमों के लिए 28,600 करोड़ रुपए की घोषणा की थी और महिला स्वयं सहायता समूह योजना के जरिए ग्रामीण स्टोरेज को बढ़ावा देने की बात कही थी. हालांकि महिलाओं के लिए सबसे बड़ा और खास मुद्दा महिला सुरक्षा और महंगाई था.
साल 2021
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वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में महिलाओं एवं बच्चों के लिए ज्यादा कुछ खास नहीं रहा. महज दो महत्वपूर्ण घोषणाओं को छोड़कर महिलाओं के हाथ खाली रहे. महिलाओं के लिए चलाई जाने वाली पीएम उज्जवला योजना को और ज्यादा बेहतर बनाने के लिए इसमें लाभार्थियों की संख्या को 1 करोड़ और बढ़ा दिया गया था और महिलाओं को सभी श्रेणी के तहत काम करने की अनुमति दिए जाने की घोषणा की गई थी. उन्हें नाइट शिफ्ट में काम करने की भी छूट देने की बात कही गई थी और इस दौरान उनकी सुरक्षा का ध्यान रखने के लिए विशेष नियम बनाए जाने की भी बात कही गई.
साल 2022
वहीं अगर साल 2022 की बात करें तो बजट में महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय को 2022-23 के 25,172.28 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे जो कि पिछले फाइनेंशियल ईयर के मुकाबले 3 फीसदी ज्यादा थे. मिशन शक्ति और महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए चलाई गई. योजना के लिए राशि बीते साल से बढ़ा कर 3,184 करोड़ रुपए आवंटित की गई थी. मिशन वात्सल्य के लिए वित्त वर्ष 2022-23 में आवंटित राशि 1,472 करोड़ है जो कि 2021-22 में 900 करोड़ थी. ऑटोनोमस (स्वायत्त) बॉडीज जैसे कि सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्सेज एजेंसी (CARA), नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) और नेशनल कमीशन फॉर वुमन के लिए 152 करोड़ रुपए राशि का आवंटन किया गया था.
09:51 AM IST