खुदरा महंगाई फरवरी में आसमान पर, रिजर्व बैंक पर कर्ज सस्ता करने का दबाब
Retail inflation : रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने बीते 7 फरवरी को अपने रुख में बदलाव करते हुए नीतिगत दर में 25 आधार अंकों (0.25%) की कटौती किया था.
(फाइल फोटो - रॉयटर्स)
(फाइल फोटो - रॉयटर्स)
देश में खुदरा महंगाई फरवरी में बढ़ गई. सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों से यह पता चलता है. हालांकि यह महंगाई दर केंद्रीय बैंक के दायरे में ही है. बीते जनवरी माह में विनिर्माण या कारखानों में उत्पादन का ट्रेंड कमजोर देखने को मिला था. माना जा रहा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) आगामी 5 अप्रैल को नीतिगत दरों (रेपो रेट) में कटौती पर विचार कर सकता है. आंकड़ों से पता चलता है कि फरवरी में खुदरा महंगाई दर फरवरी के 2.05% से बढ़कर 2.57% हो गई, जबकि कारखाने का उत्पादन जनवरी में घटकर 1.7% रहा जबकि पिछले महीने 2.4% था.
फरवरी में घटाई थी दर
रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने बीते 7 फरवरी को अपने रुख में बदलाव करते हुए नीतिगत दर में 25 आधार अंकों (0.25%) की कटौती किया था. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने उस समय कहा था कि मौद्रिक नीति के रुख में बदलाव आने वाले महीनों में भारतीय अर्थव्यवस्था के निरंतर विकास के लिए चुनौतियों को हल करने के लिए लचीलापन प्रदान करता है. लाइवमिंट की खबर के मुताबिक, उन्होंने कहा, "इस संबंध में एमपीसी के निर्णय विकास के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए मूल्य स्थिरता बनाए रखने के लिए मौद्रिक नीति के प्राथमिक उद्देश्य के अनुरूप होंगे,"
बैंक अभी फायदा देने के पक्ष में नहीं
आरबीआई गवर्नर दास ने पिछले महीने बैंकरों से मुलाकात कर उन्हें ब्याज दर में कटौती करने के लिए कहा था. हालांकि, बैंकर रेपो रेट में कटौती के फायदों को तुरंत देने के लिए अनिच्छुक थे, क्योंकि उनके मुताबिक जमा दरें बढ़ी हुई हैं और तरलता की स्थिति कड़ी बनी हुई है. हालांकि, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने हाल ही में बैंक जमा और बचत ऋण पर ब्याज दर को रेपो दर से जोड़ने की बात कही है.
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इसे एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है. ऐसे में RBI द्वारा दर में कटौती का एक और दौर बैंकों को ऋण पर कम ब्याज दरों के माध्यम से जनता को सस्ती लागत के लाभ पर पारित करने के लिए मजबूर कर सकता है.
(इनपुट एजेंसी से)
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06:28 PM IST