सरकारी बैंक कर सकते हैं ₹15,000 करोड़ डिविडेंड का भुगतान, FY24 की 3 तिमाहियों में कमाया ₹98,000 करोड़ मुनाफा
PSB Dividend: चालू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में सभी 12 पीएसबी ने कुल 98,000 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया. यह राशि वित्त वर्ष 2022-23 के मुकाबले सिर्फ 7,000 करोड़ रुपये कम है.
PSB Dividend: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSB) लाभप्रदता में सुधार के बीच चालू वित्त वर्ष में 15,000 करोड़ रुपये से अधिक का डिविडेंड भुगतान कर सकते हैं. चालू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में सभी 12 पीएसबी ने कुल 98,000 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया. यह राशि वित्त वर्ष 2022-23 के मुकाबले सिर्फ 7,000 करोड़ रुपये कम है.
पीएसबी ने वित्त वर्ष 2022-23 में 1.05 लाख करोड़ रुपये का अब तक का सबसे अधिक कुल नेट प्रॉफिट दर्ज किया था. वित्त वर्ष 2021-22 में यह आंकड़ा 66,539.98 करोड़ रुपये था.
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सरकार को डिविडेंड का अधिक भुगतान
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बीते वित्त वर्ष में सरकार को 13,804 करोड़ रुपये का डिविडेंड मिला, जो इससे पिछले वित्त वर्ष के 8,718 करोड़ रुपये से 58% अधिक था. सूत्रों ने कहा कि चूंकि चालू वित्त वर्ष में मुनाफा पिछले साल की तुलना में काफी अधिक होगा, इसलिए सरकार को डिविडेंड का भुगतान भी अधिक होगा. उन्होंने कहा कि पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए वित्त वर्ष 2023-24 के लिए डिविडेंड भुगतान 15,000 करोड़ रुपये से अधिक होना चाहिए.
इससे पहले जनवरी में भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने मसौदा दिशानिर्देशों में 6 फीसदी से कम नेट नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) अनुपात वाले बैंकों को डिविडेंड घोषित करने की मंजूरी देने का प्रस्ताव रखा था. 2005 में अंतिम बार अपडेट किए गए प्रचलित मानदंडों के अनुसार, बैंकों को डिविडेंड की घोषणा के लिए पात्र बनने के लिए 7 फीसदी तक एनएनपीए अनुपात की जरूरत होती है. केंद्रीय बैंक ने प्रस्ताव दिया है कि नए दिशानिर्देश वित्त वर्ष 2025 से लागू होने चाहिए. सर्कुलर में कहा गया है कि डिविडेंड घोषित करने के लिए पात्र होने के लिए एक कमर्शियल बैंक के पास न्यूनतम कुल पूंजी पर्याप्तता 11.5 फीसदी होनी चाहिए.
06:20 PM IST