चंपई सोरेन को CM पद से क्यों देना पड़ा इस्तीफा, कितने दिन रहे मुख्यमंत्री और अब कौन होगा झारखंड का मुखिया? जानें सबकुछ
झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के इस्तीफे के बाद एक बार फिर से झामुमो नेता हेमंत सोरेन सूबे के मुख्यमंत्री होंगे. चंपई सोरेन ने इस्तीफा क्यों दिया, हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी क्यों हुई थी और चंपई कितने दिन तक सीएम रहे, यहां जानिए झारखंड की राजनीति से जुड़ी हर जरूरी बात.
झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन (Champai Soren) ने बुधवार देर रात मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. बुधवार देर शाम वो राजभवन पहुंचे और राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा. चंपई ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया. उनके इस्तीफा सौंपने के बाद ही झामुमो नेता हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया यानी अब एक बार फिर से हेमंत सोरेन झारखंड राज्य के मुख्यमंत्री होंगे. लेकिन झारखंड के नेतृत्व में बदलाव की वजह क्या है, कितने दिन चंपई सोरेन ने राज्य के मुख्यमंत्री पद को संभाला, यहां जानिए सबकुछ-
क्यों गिरफ्तार हुए थे हेमंत सोरेन?
दरअसल झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के बेटे हेमंत सोरेन को मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था. हेमंत सोरेन मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप के चलते जेल गए थे. उन पर 31 करोड़ रुपए से अधिक की 8.86 एकड़ जमीन अवैध रूप से हासिल करने का आरोप है. 31 जनवरी को ही गिरफ्तारी से पहले उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था.
गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन बने मुख्यमंत्री
हेमंत सोरेन के सीएम पद से इस्तीफे के बाद ये माना जा रहा था कि उनकी पत्नी कल्पना सोरेन को सूबे के सीएम पद का जिम्मा सौंपा जा सकता है, लेकिन अनुभव को देखते हुए चंपई सोरेन को बतौर मुख्यमंत्री झारखंड की जिम्मेदारी दी गई. 2 फरवरी को चंपई सोरेन ने झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. लगभग पांच महीने बाद 28 जून को जब हेमंत सोरेन को हाई कोर्ट ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत मिल गई और वो जेल से बाहर आ गए.
TRENDING NOW
भारी गिरावट में बेच दें ये 2 शेयर और 4 शेयर कर लें पोर्टफोलियो में शामिल! एक्सपर्ट ने बताई कमाई की स्ट्रैटेजी
इंट्राडे में तुरंत खरीद लें ये स्टॉक्स! कमाई के लिए एक्सपर्ट ने चुने बढ़िया और दमदार शेयर, जानें टारगेट और Stop Loss
EMI का बोझ से मिलेगा मिडिल क्लास को छुटकारा? वित्त मंत्री के बयान से मिला Repo Rate घटने का इशारा, रियल एस्टेट सेक्टर भी खुश
टूटते बाजार में Navratna PSU के लिए आई गुड न्यूज, ₹202 करोड़ का मिला ऑर्डर, सालभर में दिया 96% रिटर्न
TATA Group के इस स्टॉक से गिरते बाजार में भी होगी तगड़ी कमाई! शॉर्ट टर्म में खरीदारी का नोट करें टारगेट
इसके बाद ही हेमंत सोरेन के फिर से मुख्यमंत्री बनने की चर्चा होने लगी थी. बुधवार को आखिरकार इस चर्चा पर विराम लग गया. सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं और विधायकों ने चंपई सोरेन के आवास पर एक बैठक में सर्वसम्मति से हेमंत सोरेन को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) विधायक दल का नेता चुना. इसके बाद चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. विधायक दल का नेता चुनने के लिए हुई बैठक में कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के अलावा हेमंत सोरेन के भाई बसंत और पत्नी कल्पना भी मौजूद थीं.
153 दिन संभाला सीएम का पद
चंपई सोरेन ने 2 फरवरी को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और 3 जुलाई को इस्तीफा दिया. इस तरह 12वें मुख्यमंत्री के तौर पर उन्होंने कुल 153 दिन तक सूबू का जिम्मा संभाला. अब तीसरी बार हेमंत सोरेन झारखंड के सीएम के रूप में शपथ लेंगे. शपथ लेने के बाद हेमंत सोरेन झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री होंगे. कांग्रेस विधायक बन्ना गुप्ता के मुताबिक, राजभवन की ओर से बृहस्पतिवार को सुबह 11 बजे तक शपथ ग्रहण के बारे में जानकारी दिए जाने की बात कही गई है.
पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के बेटे हैं हेमंत
बता दें कि हेमंत सोरेन पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के बेटे हैं. झारखंड की राजनीति की बात करें तो कहा जा रहा है कि वहां मंत्रिपरिषद में 12 मंत्री हो सकते हैं, हालांकि मौजूदा समय में 10 मंत्री हैं. लोकसभा चुनाव के बाद, राज्य में झामुमो-नीत गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 45 रह गई है, जिनमें झामुमो के 27, राजद का एक और कांग्रेस के 17 विधायक शामिल हैं.
झामुमो के दो विधायक-नलिन सोरेन और जोबा माझी अब सांसद हैं, जबकि जामा से विधायक सीता सोरेन ने भाजपा के टिकट पर आम चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था. झामुमो ने बिशुनपुर से विधायक चमरा लिंडा और बोरियो से विधायक लोबिन हेम्ब्रम को पार्टी से निष्कासित कर दिया था, लेकिन उन्होंने अभी तक विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया है.
इसी तरह, विधानसभा में भाजपा के विधायकों की संख्या घटकर 24 रह गई है, क्योंकि उसके दो विधायक- ढुलू महतो (बाघमारा) और मनीष जायसवाल (हजारीबाग) ने लोकसभा चुनाव लड़ा था और वे अब सांसद हैं. भाजपा ने चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस में शामिल होने वाले मांडू सीट से विधायक जयप्रकाश भाई पटेल को निष्कासित कर दिया है. झारखंड की 81-सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल 76 सदस्य हैं. राज्य में इस साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव भी प्रस्तावित है.
09:03 AM IST