एसी, रेफ्रिजरेटर जैसे प्रोडक्ट्स के निर्माण को मिलेगी सरकारी मदद, चौथी तिमाही से PLI स्कीम के तहत जारी होगा प्रोत्साहन
सरकार घरों में उपयोग होने वाले एयर कंडीशनर जैसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों (व्हाइट गुड्स) के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना के तहत वित्तीय प्रोत्साहन चौथी तिमाही से देना शुरू कर सकती है.
DPIIT (Department for Promotion of Industry and Internal Trade) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने मंगलवार को कहा कि सरकार घरों में उपयोग होने वाले एयर कंडीशनर जैसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों (व्हाइट गुड्स) के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना के तहत वित्तीय प्रोत्साहन चौथी तिमाही से देना शुरू कर सकती है. कुछ कंपनियों ने इन वस्तुओं का उत्पादन शुरू किया है. इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के लिये उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना का उद्देश्य एयर कंडीशनर और LED लाइट उपकरणों के घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करना है.
सिंह ने यहां भारत-दक्षिण कोरिया व्यापार भागीदारी मंच की बैठक के दौरान अलग से बातचीत में कहा, कि अंतिम तिमाही (जनवरी-मार्च) में हम PLI के तहत कुछ वित्तीय प्रोत्साहन के वितरण की उम्मीद कर रहे हैं. PLI योजना के तहत 64 लाभार्थी इकाइयों में से 15 ने उत्पादन शुरू कर दिया है. इन 15 लाभार्थियों ने 31 मार्च, 2022 तक की अवधि का विकल्प चुना था. बाकी लाभार्थी ने 31 मार्च, 2023 तक की अवधि का विकल्प चुना था. वे परियोजना क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं.
PLI योजना में 2,900 करोड़ रुपये वितरित
यह योजना 2021-22 से 2028-29 तक सात साल की अवधि में लागू की जानी है. इस पर 6,238 करोड़ रुपये का व्यय आने का अनुमान है. सिंह ने यह भी कहा कि वाहन और ‘व्हाइट गुड्स’ जैसे PLI क्षेत्रों में परियोजना क्रियान्वयन की अवधि लंबी होती है. कंपनियों को प्रोत्साहन के लिये पात्र होने को लेकर निवेश सीमा को पार करना पड़ता है और इसमें समय लगता है. उल्लेखनीय है कि कुल 1.98 लाख करोड़ रुपये की PLI योजना के तहत मार्च तक प्रोत्साहन के रूप में 2,900 करोड़ रुपये वितरित किये गये हैं.
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इन क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन
इस साल इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में लगी कंपनियों के लिये 1,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त प्रोत्साहन की मंजूरी दी गई है. सचिव ने कहा कि PLI योजना में इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल विनिर्माण, औषधि और खाद्य प्रसंस्करण जैसे कुछ क्षेत्र अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि कपड़ा जैसे क्षेत्रों में कुछ सुधार की जरूरत है. उन्होंने सेमीकंडक्टर विनिर्माण पर कहा कि सरकार निजी क्षेत्र को आगे आने और भारत में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अवसरों का लाभ उठाने के लिये प्रोत्साहित कर रही है. इससे पहले, सिंह ने बैठक में अपने संबोधन में कहा कि 10 अरब डॉलर की सेमीकंडक्टर विनिर्माण योजना में दक्षिण कोरियाई कंपनियों के लिये भारत में बड़े अवसर हैं.
भारत और दक्षिण कोरिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार
दक्षिण कोरिया 17 फीसदी हिस्सेदारी के साथ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सेमीकंडक्टर विनिर्माता है. साथ ही ‘मेमोरी चिप्स’ और डिस्प्ले में अगुवा है. भारत और दक्षिण कोरिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार को 50 अरब अमेरिकी डॉलर तक ले जाने के बारे में सचिव ने कहा कि हल्के इंजीनियरिंग और औषधि जैसे घरेलू क्षेत्रों के लिये निर्यात के अवसर मौजूद हैं. दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में 27.9 अरब डॉलर रहा, जो 2021-22 में 25.6 अरब डॉलर था.
06:09 PM IST