GST से जुड़े ताजा फैसले को लागू कराने पर अगले हफ्ते होगा मंथन, उपभोक्ताओं को होगा लाभ
GST: इस बैठक में अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर जीएसटी में कटौती का लाभ कैसे होम बायर्स और रीयल एस्टेट सेक्टर को मिले, इसकी रूपरेखा तय होगी. इस बैठक में ये तय होगा कि अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर जीएसटी कम करने का लाभ लेने की शर्त क्या होगी.
नये नियम 1 अप्रैल 2019 से लागू होंगे. लिहाजा उसके पहले नयमों को अंतिम रूप देना है. (फोटो - रॉयटर्स)
नये नियम 1 अप्रैल 2019 से लागू होंगे. लिहाजा उसके पहले नयमों को अंतिम रूप देना है. (फोटो - रॉयटर्स)
(प्रकाश प्रियदर्शी की रिपोर्ट)
अगले हफ्ते एक बार फिर जीएसटी काउंसिल बैठेगी. हालांकि इस बार कोई नया निर्णय नहीं होगा बल्कि पिछली बैठक में लिए गए फैसले को कैसे लागू किया जाए, इसकी गाइडलाइंस तय होंगी. जानकारी के मुताबिक इस महीने की 19 मार्च को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जीएसटी काउंसिल की बैठक तय हुई है. इस बैठक में अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर जीएसटी में कटौती का लाभ कैसे होम बायर्स और रीयल एस्टेट सेक्टर को मिले, इसकी रूपरेखा तय होगी. इस बैठक में ये तय होगा कि अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर जीएसटी कम करने का लाभ लेने की शर्त क्या होगी. डेवलपर्स और होम बायर्स दोनों के लिए इससे जुड़े गाइडलाइंस तय किए जाएंगे.
काउंसिल तय करेगी मौजूदा प्रोजेक्ट में कैसे मिले फायदा
सूत्रों के मुताबिक जीएसटी काउंसिल के तहत अधिकारियों की एक टीम इसी हफ्ते राज्यों के राजस्व अधिकारियों के साथ एक बैठक करेगी और ड्राफ्ट रूल को अंतिम रूप देगी. 15 मार्च तक इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा और फिर 19 मार्च को इसे मंजूरी के लिए जीएसटी काउंसिल के सामने रखा जाएगा. सूत्रों के मुताबिक जीएसटी कटौती का लाभ लेने के लिए 80 पर्सेंट माल रजिस्टर्ड सप्लायर से खरीदने की शर्त को बनाकर रखा जा सकता है हालांकि डेवलपर्स में शर्तों में ढ़ील देने की मांग कर रहे हैं.
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इसके अलावा पुराने प्रोजेक्ट को तोड़कर अगर नया कंस्ट्रक्शऩ किया जाता है तो उसके लिए भी नियम तय किए जाएंगे. किसी ऐसे अंडर कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट जिसमें बायर्स ने कुछ इंस्टॉलमेंट दे दिए हैं, उन्हें दरों में कटौती का फायदा कैसे हो उसको लेकर भी स्पष्ट नियम तय किए जाएंगे. नये नियम 1 अप्रैल 2019 से लागू होंगे. लिहाजा उसके पहले नयमों को अंतिम रूप देना है.
पिछली बैठक में हुआ था निर्णय
आपको बता दें कि 24 फरवरी को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर जीएसटी दर 12 पर्सेंट से कम करके 5 पर्सेंट करने का फैसला किया गया था. हालांकि ऐसी सूरत में डेवलपर को इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं देने का फैसला भी किया गया है. दूसरी ओर अफोर्डेबल हाउसिंग पर बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट के 1 पर्सेंट जीएसटी लेने का फैसला किया गया था. हालांकि अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट के तहत नॉन मेट्रो शहरो में 90 वर्ग मीटर औऱ मेट्रो शहरो में 60 वर्ग मीटर के घर को ही अफोर्डेबल की श्रेणी में रखा गया है. दोनों ही परिस्थितियों में घर की कीमत 45 लाख रूपये से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
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08:50 PM IST