अमेरिकी बैंकिंग संकट का देश की फाइनेंशियल सिस्टम पर होगा असर? आर्थिक मामलों के सचिव ने दिया ये जवाब
US Banking Crisis: आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा कि चुनौतीपूर्ण वैश्विक वित्तीय स्थिति के बावजूद देश की वित्तीय व्यवस्था पूरी तरह से सुरक्षित, मजबूत और नियमन के दायरे में है.
देश की वित्तीय व्यवस्था मजबूत, नियमन के दायरे में. (Image- Freepik)
देश की वित्तीय व्यवस्था मजबूत, नियमन के दायरे में. (Image- Freepik)
US Banking Crisis: आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा कि चुनौतीपूर्ण वैश्विक वित्तीय स्थिति के बावजूद देश की वित्तीय व्यवस्था पूरी तरह से सुरक्षित, मजबूत और नियमन के दायरे में है. फाइनेंशियल स्टैबिलिटी एंड डेवलपमेंट काउंसिल (FSDC) की 27वीं बैठक के नतीजों के बारे में जानकारी देते हुए सेठ ने कहा, देश की वित्तीय व्यवस्था पूरी तरह से सुरक्षित, मजबूत और नियमन के दायरे में है. लेकिन जैसे ही शुरुआती चेतावनी के संकेत दिखाई दें, हमें उसके लिये सतर्क रहने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि कुछ संकेतक हैं, जो शुरुआती चेतावनी देते हैं ताकि समय पर दबाव को बेहतर तरीके से देखा और समझा जा सके तथा उसे दूर करने के लिये तुरंत सुधारात्मक उपाय किये जाएं.
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विक वित्तीय संकट का असर नहीं
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यह पूछे जाने पर कि क्या सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank) और सिग्नेचर बैंक (Signature Bank) के विफल होने और क्रेडिट सुईस (Credit Sussies) में नकदी दबाव के देश की वित्तीय प्रणाली पर प्रभाव को लेकर बैठक में चर्चा हुई, सेठ ने कहा कि यह मुद्दा स्पष्ट तौर पर नहीं आया, लेकिन वैश्विक वित्तीय संकट का असर नहीं है.
सरकारी प्रतिभूति बाजार के बारे में उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के उपयोग के साथ इसे सहज और सुलभ बनाने का प्रयास है. उन्होंने कहा, निवेशक चाहे रिजर्व बैंक (RBI) के इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से आते हैं या फिर सेबी के बुनियादी ढांचे के मार्ग से, आज टेक्नोलॉजी के उपयोग के साथ यह संभव है, जबकि पहले यह संभव नहीं था.
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इन मुद्दों पर हुई चर्चा
उन्होंने यह भी कहा कि काउंसिल ने अर्थव्यवस्था के लिए शुरुआती चेतावनी संकेतकों और उनसे निपटने को लेकर हमारी तैयारियों पर भी विचार-विमर्श किया. इसके अलावा, नियामकीय गुणवत्ता में सुधार कर वित्तीय क्षेत्र में विनियमित संस्थाओं पर अनुपालन बोझ को कम करने, देश में कंपनियों और परिवारों के मामले में लोन स्तर, डिजिटल इंडिया (Digital India) की जरूरतों को पूरा करने के लिये केवाईसी (KYC) को आसान और सुव्यवस्थित करने पर भी चर्चा की गयी.
इसके अलावा, सरकारी प्रतिभूतियों को लेकर खुदरा निवेशकों के लिये चीजों को सुगम बनाना, बीमाकृत भारत यानी देश में बीमा को अंतिम छोर तक पहुंचाने समेत अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई. काउंसिल ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में एफएसडीसी उप-समिति के कार्यों और काउंसिल के पूर्व फैसलों के क्रियान्वयन पर भी गौर किया गया.
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बैठक में ये हुए शामिल
बैठक में रिजर्व बैंक के गवर्नर के अलावा, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Sebi) की प्रमुख माधबी पुरी बुच, भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के अध्यक्ष देबाशीष पांडा, आईबीबीआई के अध्यक्ष रवि मित्तल और पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण के नवनियुक्त अध्यक्ष दीपक मोहंती शामिल हुए. इसके अलावा काउंसिल की बैठक में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी, भागवत किशनराव कराड, वित्त सचिव टी वी सोमनाथन, राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी और वित्त मंत्रालय के अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल थे.
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09:05 PM IST