Budget 2024: अंतरिम बजट में रहेगी ‘मोदी की गारंटी’ की छाप, किसानों-श्रमिकों पर रहेगा फोकस
Budget 2024: पूर्व वित्त सचिव ने कहा- सरकार इस गारंटी को पूरा करने के लिए अगर जरूरत हुई, तो राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को लेकर थोड़ी रियायत भी ले सकती है.
Budget 2024: सरकार के आम चुनाव से पहले पेश किए जाने वाले बजट में ‘मोदी की गारंटी’ (Modi ki Guarantee) की छाप रहने की संभावना है. इस अंतरिम बजट (Interim Budget 2024) में मध्यम वर्ग, किसानों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों समेत मतदाताओं के बड़े वर्ग को आकर्षित करने के लिए ‘लोकलुभावन योजनाएं’ पेश की जा सकती हैं. यह बात पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कही. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस गारंटी को पूरा करने के लिए अगर जरूरत हुई, तो राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को लेकर थोड़ी रियायत भी ले सकती है.
वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण लोकसभा में 1फरवरी को वित्त वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट पेश करेंगी. यह उनका लगातार छठा बजट होगा. गर्ग ने पीटीआई-भाषा से कहा, वास्तव में, लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) से पहले पेश होने वाला अंतरिम बजट, सत्ता में मौजूद पार्टी के लिए मुफ्त और लोकलुभावन योजनाओं के जरिये मतदाताओं को आकर्षित करने का एक मौका होता है.
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वर्ष 2019 में आम चुनाव से पहले पेश अंतरिम बजट में भी हम ऐसा होते हुए देख चुके हैं. उन्होंने कहा, सरकार ने 2019 में मध्यम वर्ग, किसानों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों – को लक्षित किया था. कुल मिलाकर ये लगभग 75 करोड़ मतदाता हैं. ऐसी संभावना है कि सरकार इस बार भी इन मतदाताओं का खास ध्यान रखेगी.
बता दें कि उस समय वित्त मंत्री की अतिरिक्त जिम्मेदारी निभा रहे वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मध्यम वर्ग को आकर्षित करने के लिए 5 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम को आयकर (Income Tax) से छूट दी थी. साथ ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) के तहत 12 करोड़ किसानों को सालाना 6,000 रुपये नकद भी उपलब्ध कराने की घोषणा की. इसके अलावा, असंगठित क्षेत्र (पीएम श्रम योगी मानधन -PMSYM) से जुड़े 50 करोड़ श्रमिकों को रिटायरमेंट पेंशन में सरकारी योगदान का भी प्रस्ताव किया गया था.
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अंतरिम बजट में दिखेगी ‘मोदी की गारंटी’ की छाप
गर्ग ने कहा, कुल मिलाकर ‘मोदी की गारंटी’ (Modi ki Guarantee) की छाप इस बार के अंतरिम बजट में भी देखने को मिल सकती है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कई घोषणाएं कीं. इसमें अन्य बातों के अलावा 450 रुपये में एलपीजी गैस सिलेंडर (LPG Cylinder), गरीब महिलाओं को 1,250 रुपये का कैश ट्रांसफर, 21 साल की उम्र की तक गरीब लड़कियों को 2 लाख रुपये आदि की घोषणाएं शामिल हैं और इन्हें ‘मोदी की गारंटी’ का नाम दिया गया.
पूर्व वित्त सचिव ने कहा, असंगठित क्षेत्र में बेरोजगारी और वेतन कटौती को लेकर काफी संकट है. केंद्र सरकार के पास असंगठित क्षेत्र के 30 करोड़ श्रमिकों का आंकड़ा है. वित्त मंत्री इन श्रमिकों को आकर्षित करने के लिए कुछ घोषणाएं कर सकती हैं। उन्हें सालाना कुछ नकद राशि देने की घोषणा की जा सकती है.
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गरीब परिवारों को वित्तीय सहायता दिए जाने की संभावना
बता दें कि बिहार सरकार ने हाल ही में 6,000 रुपये प्रति माह से कम आय वाले 94 लाख गरीब परिवारों को 2 लाख रुपये देने की घोषणा की है. इसको देखते हुए अंतरिम बजट में इस तबके को प्रत्यक्ष रूप से वित्तीय सहायता दिये जाने की संभावना है.
राजकोषीय घाटा 5.9% रहने का अनुमान
इन घोषणाओं से राजकोषीय घाटे की स्थिति पर पड़ने वाले सवाल के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, सरकार ने राजकोषीय घाटा 17.9 लाख करोड़ रुपये यानी 5.9% रहने का अनुमान रखा है. यह अनुमान सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 301.8 लाख करोड़ रुपये के अनुमान पर आधारित था. 2023-24 के पहले अग्रिम अनुमान में जीडीपी 296.6 लाख करोड़ रुपये रहने पर यह 6% यानी 17.8 लाख करोड़ रुपये बनता है. यह बजट में तय लक्ष्य के लगभग बराबर है. उन्होंने कहा, सरकार ने राजकोषीय घाटे को वित्त वर्ष 2025-26 तक 4.5% पर लाने का लक्ष्य रखा है. यानी वर्तमान के 6% की तुलना में इसमें 1.5% की कमी लानी होगी.
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गर्ग ने इस बारे में विस्तार से बताते हुए कहा, सरकार बाजार मूल्य पर 10.5% आर्थिक बढ़ोतरी के साथ 2024-25 में जीडीपी का अनुमान 327.7 लाख करोड़ रुपये रख सकती है. ऐसे में राजकोषीय घाटे में 0.75% कटौती करने का मतलब है कि व्यय में 2.5 लाख करोड़ रुपये की कमी करनी होगी. यह मुश्किल लगता है. दूसरी तरफ सरकार की लोकलुभावन योजनाओं पर भी खर्च होने की संभावना है.
लोकलुभावन हो सकता है अंतरिम बजट
उन्होंने कहा, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ‘मोदी की गारंटी’ (Modi ki Guarantee) पर होने वाले व्यय को चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया जाएगा या फिर कर राजस्व, गैर-कर और विनिवेश प्राप्तियों के अनुमान को बढ़ाया जाएगा. सबसे अधिक संभावना यह है कि अंतरिम बजट आसन्न लोकसभा चुनावों की जरूरतों के अनुरूप होगा. राजकोषीय मजबूती के लिए इंतजार किया जा सकता है.
रेवेन्यू मोर्चे पर स्थिति बेहतर रहने की संभावना
राजस्व मोर्चे पर स्थिति के बारे में पूछे जाने पर गर्ग ने कहा, इनकम टैक्स कलेक्शन बजट अनुमान से कहीं बेहतर रहेगा. जीएसटी (GST) लक्ष्य के अनुरूप है. सीमा शुल्क (Custom Duty) और उत्पाद शुल्क का प्रदर्शन जरूर खराब रहा है. लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) से अधिक डिविडेंड (Dividend) आने के कारण नॉन-टैक्स रेवेन्यू, बजट अनुमान से अधिक होगा. विनिवेश आय ने काफी निराश किया है. कुल मिलाकर, अतिरिक्त व्यय के लिए गैर-ऋण प्राप्तियां अच्छी स्थिति में रहने की संभावना है.
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सूत्रों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में इनकम टैक्स और कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन में उछाल दिख रहा है. इससे कुल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन बजट अनुमान से लगभग 1 लाख करोड़ रुपये अधिक रह सकता है. सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए डायरेक्ट टैक्सेज से 18.23 लाख करोड़ रुपये जुटाने का बजट लक्ष्य रखा था. इस मद में 10 जनवरी, 2024 तक टैक्स कलेक्शन 14.70 लाख करोड़ रुपये हो चुका था, जो बजट अनुमान का 81% है. अभी वित्त वर्ष पूरा होने में 2 महीने महीने से अधिक का समय बाकी है.
वहीं जीएसटी (GST) के मोर्चे पर केंद्रीय जीएसटी राजस्व 8.1 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान से लगभग 10,000 करोड़ रुपये अधिक होने की उम्मीद है. हालांकि, उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क संग्रह में करीब 49,000 करोड़ रुपये की कमी की आशंका है.
02:36 PM IST