Lucknow Mango Festival: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने कहा कि यूरोप के बाजार उत्तर प्रदेश के आम का इंतजार कर रहे हैं लेकिन इस बाजार के उपयोग के लिए हमें अपने उत्पादों की गुणवत्ता पर खास ध्यान देना होगा. उन्होंने कहा कि रूस में उत्तर प्रदेश के आमों की काफी मांग है. वहां पर 800 रुपये प्रति किलो आम बिक रहा है, जबकि यहां से कार्गो के माध्यम से आम भेजने में 190 रुपये का खर्च आता है. यानी कोई किसान अगर रूस में आम भेजेगा तो उसे काफी लाभ होगा.

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एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा, हमें यहां के आमों को दुनिया के कोने-कोने में पहुंचाना है. यूरोप के बाजार उत्तर प्रदेश के आम का इंतजार कर रहे हैं. ‘शॉर्टकट’ नहीं अपनाएं और अपनी गुणवत्ता पर ध्यान देते हुए मांग के अनुरूप उत्पाद तैयार करें.

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बीज से लेकर बाजार तक की दूरी को कम किया

एक बयान के अनुसार उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बीज से लेकर बाजार तक की दूरी को कम करने का काम कर रही है. मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने अमर शहीद पथ स्थित अवध शिल्पग्राम में तीन दिवसीय ‘उत्तर प्रदेश आम महोत्सव 2023’ (Uttar Pradesh Mango Festival 2023) के उद्घाटन के दौरान यह बात कही.

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ में हमने दुनिया के अलग-अलग देशों में टीमें भेजी थी. प्रदेश की बागवानी फसलों के लिए हमें वैश्विक बाजार को टटोलना होगा. इसके लिए अलग-अलग देशों में मौजूद भारतीय दूतावास के माध्यम से उत्तर प्रदेश के कृषि से जुड़े उत्पादों की प्रदर्शनी का आयोजन करें. उन्होंने कहा कि आम महोत्सव किसानों की आमदनी को कई गुना बढ़ाने का एक प्लेटफॉर्म है.

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश सरकार किसानों के हित से जुड़े सभी आवश्यक कदम उठा रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने प्रदेश के अंदर चार स्थानों पर पैक हाउस बनाए हैं. अभी पिछले दिनों वाराणसी के पैक हाउस से 2 टन आम हमें दुबई भेजने का अवसर प्राप्त हुआ. ऐसे ही कार्यक्रम हमें सहारनपुर, अमरोहा और लखनऊ पैक हाउस से आयोजित करने होंगे.

सब्जी की मांग भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत ज्यादा

उन्होंने कहा कि बागवानी फसल के साथ-साथ हमें यहां की सब्जियों को भी वैश्विक बाजार में पहुंचाना होगा. इसके लिए हमारे कृषि वैज्ञानिकों और उद्यान विभाग के अधिकारियों को सामूहिक प्रयास करना होगा तब ही हम नई संभावनाओं को तलाश पाएंगे और उत्तर प्रदेश के कृषि एवं औद्योगिक उत्पादों को एक अलग पहचान दिला पाएंगे. कार्यक्रम में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र समेत अन्य अधिकारी और आम उत्पादक किसान मौजूद थे.

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