ग्रेजुएशन के बाद नहीं मिली नौकरी तो बन गया किसान, अब खेती से कमा रहा लाखों
Success Story: पढ़ाई पूरी करने बाद नौकरी मिलने के कारण ओम प्रकाश ने खेती की पुश्तैनी काम को आजीविका के लिए चुना. पारंपरिक तरीकों से खेती करने के साथ ही उन्होंने देसी तरीके से जैविक खेती (Organic Farming) की ओर रुख किया.
पढ़ाई पूरी करने बाद नौकरी मिलने के कारण खेती को आजीविका के लिए चुना. (Image- Haryana Agri Dept.)
पढ़ाई पूरी करने बाद नौकरी मिलने के कारण खेती को आजीविका के लिए चुना. (Image- Haryana Agri Dept.)
Success Story: हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा प्रगतिशील किसान के खिताब से नवाजे गए ओम प्रकाश, गांव बहलपा, तहसील सोहना जिला गुरुग्राम के निवासी है. ग्रैजुएट किसान ओम प्रकाश के पास 20 एकड़ खेती की जमीन है. पढ़ाई पूरी करने बाद नौकरी मिलने के कारण ओम प्रकाश ने खेती की पुश्तैनी काम को आजीविका के लिए चुना. पारंपरिक तरीकों से खेती करने के साथ ही उन्होंने देसी तरीके से जैविक खेती (Organic Farming) की ओर रुख किया.
बीते 3 वर्षों से 2 एकड़ में प्राकृतिक रूप से गेहूं की खेती कर रहे ओम प्रकाश को सोच से ज्यादा मुनाफा मिल रहा है. वे हरियाणा कृषि विभाग के अधिकारियों से प्राप्त दिशा-निर्देशों को अपनाते हुए वे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से फसल चक्र की प्रक्रिया अपनाते हैं. जिससे न सिर्फ मिट्टी में कार्बन की मात्रा बढ़ती है, उर्वरा शक्ति भी संरक्षित होती है.
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भावांतर भरपाई योजना का मिला फायदा
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ओम प्रकाश का कहना है कि हरियाणा सरकार ने किसानों की मदद के लिए 'भावांतर भरपाई योजना' (Bhavantar Bharpai Yojana) शुरू की है. उनका है कि इस योजना में उन्हें बाजार में डीबीटी (DBT) के माध्यम से नुकसान की भरपाई हुई. ओम प्रकाश के मुताबिक, राज्य सरकार की योजनाओं का फायदा उठाकर खेती में बंपर मुनाफा हो रहा है. दो वर्षों से सीधे हमारे बैंक खाते में पैसे आ रहा है. इससे हमने लाखों की आमदनी की है.
कृषि तथा किसान कल्याण विभाग, हरियणा सरकार के मुताबिक, हरियाणा 'भावांतर भरपाई योजना' से किसान भाइयों को खेती करने के लिए हौंसला मिल रहा है. उन्हें अब उचित दाम के लिए मंडी की ओर मुंह उठाकर नहीं देखना नहीं पड़ता. खुद की हंसी होगी, इस बात को अनदेखा करके कृषि विभाग की सुविधाओं का लाभ उठाकर कृषि वैज्ञानिकों की सलाह पर अमल करके आज ओम प्रकाश प्रतिशील किसान के रूप में दूसरों के लिए प्रेरणा बनी हुई है.
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क्या है 'भावांतर भरपाई योजना'?
किसान एमएसपी पर फसल ना बेचकर निजी डीलरों और मंडी आढ़तियों को फसलें कम दामों पर बेच देते हैं, जिससे मुनाफे की संभावना कम हो जाती है. इस योजना के माध्यम से जिला के बागवानी खेती करने वाले किसान फसल की खेती के दौरान और उसके उत्पादन के बाद होने वाले जोखिमों को कम कर सकते है. इस योजना के तहत सरकार द्वारा एमएसपी से कम बिक्री होने पर जो नुकसान होगा उसकी भरपाई प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को की जाती है. योजना का लाभ लेने के लिए उत्पादक का 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पर रजिस्ट्रेशन होने अनिवार्य है.
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03:26 PM IST