Rabi Crops: पहाड़ से लेकर मैदान तक कड़ाके की ठंड पर रही है. शीतलहर और पाले से फसलों को नुकसान होने की संभावना रहती है. पाले के कारण पौधों की कोशिकाओं में उपस्थित जल जमने से कोशिका भित्ति फट जाती है, जिससे पौधों की पत्तियां, कोंपलें, फूल और फल क्षतिग्रस्त हो जाते है. रबी की फसलों में फूल व बालियां बनने के समय पाला पड़ने पर सबसे ज्यादा नुकसान की संभावना रहती है. इस समय किसानों को सतर्क रहकर फसलों की सुरक्षा के उपाय अपनाने चाहिए.

शीतलहर व पाले से फसल की सुरक्षा के उपाय

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राजस्थान कृषि विभाग ने शीतलहर व पाले से फसल की सुरक्षा के उपाय बताएं हैं. उनके मुताबिक, फसलों को पाले से बचाने के लिए गंधक के तेजाब का 0.1% अर्थात एक हजार लीटर पानी में एक लीटर सान्द्र गंधक का तेजाब का घोल तैयार कर फसलों पर छिड़काव करें अथवा घुलनशील गंधक के 0.2% घोल का छिड़काव भी कर सकते हैं.

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सब्जियों को पाले से ऐसे बचाएं

नकदी सब्जी वाली फसलों में भूमि के तापमान को कम होने से बचाने के लिए टाट, पॉलिथिन अथवा भूसे से ढंक देना चाहिए. पाले के दिनों में फसलों में सिंचाई करने से भी पाले का असर कम होता है. पाले के स्थाई समाधान के लिए खेती की उत्तर-पश्चिम दिशा में मेड़ों पर घने ऊंचे पेड़ लगाएं.

बता दें कि जब आसमान साफ हो, हवा न चल रही है और तापमान काफी कम हो जाये तब पाला पड़ने की संभावना बढ़ जाती है. दिन के समय दोपहर से पहले ठंडी हवा चल रही हो व हवा का तापमान अत्यन्त कम होने लग जाए और दोपहर बाद अचानक हवा चलना बंद हो जाए तब पाला पड़ने की आंशका बढ़ जाती है.