Betel Farming: बिहार में मखाना के अलावा पान की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई प्रयास कर रही है. 'पान विकास योजना' के तहत पान की खेती का रकबा बढ़ाने की तैयारी की जा रही है. बिहार सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 से 2025-26 के लिए 'पान विकास योजना'  के तहत पान की खेती का रकबा बढ़ाने के लिए 5 करोड़ रुपये फंड की मंजूरी दी है. 

पान किसानों को मिलेगा KCC

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इससे पान की खेती करने वाले किसानों को बड़ी राहत मिलने वाली है. सरकार पान उत्पादक किसानों का सर्वे कराएगी. कृषि विभाग ने इस दिशा में पहल शुरू कर दी है. पान किसानों को अब बैंकों से समन्वय स्थापित कर किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) बनवाएगी. इसके साथ ही पान उत्पादक किसानों को ज्यादा आर्थिक फायदा पहुंचाने के लिए पान का रकबा का विस्तार करने की पहल होगी. केसीसी के लिए एलपीसी (भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र) के साथ किसानों को आवेदन करना है. वित्त वर्ष 2025-26 तक पान विकास योजना के तहत कुल 42.50 हेक्टेयर में पान के क्षेत्र का विस्तार के लिए 5 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है.

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पान की खेती पर सब्सिडी

पान की खेती को बढ़ावा देने के लिए और किसानों की आय में बढ़ोतरी करने के उद्देश्य से बरेजा के निर्माण पर अनुदान का प्रावधान है. इसके लिए न्यूनतम 11,750 रुपये और अधिकतम 35,250 रुपये सब्सिडी सरकार दे रही है. लेकिन इसमें शर्त यह है कि 3 वर्ष के अंतराल पर ही योजना का फायदा एक पान किसान को दिया जाएगा. इसके पीछे कृषि विभाग का ल्क्ष्य ज्यादा से ज्यादा पान किसानों को पान की खेती का रकबा बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना है. 

बता दें कि राज्य में पान की खेती 15 जिले औरंगाबाद, गया, नवादा, नालंदा, शेखपुरा, वैशाली, सारण, मुंगेर, पूर्वी चंपारण, खगड़िया, बेगूसराय, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, दरभंगा और समस्तीपुर में की जाती है.

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लॉटरी से होगा लाभार्थी का चयन

पान किसानों को अनुदान संबंधित योजना का फायदा 'पहले आओ-पहले पाओ' के आधार पर किया जाता है. मतलब यह है कि जिस किसान ने पहले आवेदन किया, उसे पहले योजना का फायदा मिलेगा. अब लॉटरी के माध्यम से लाभार्थी का चयन किया जाएगा, लेकिन इसमें भी यह शर्त होगी कि एक किसान को तीन वर्ष बाद ही योजना का फायदा दिया जाएगा.