5 करोड़ गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी, सरकार ने किया FRP बढ़ाने का ऐलान; कैबिनेट बैठक में लिए गए ये बड़े फैसले
मोदी कैबिनेट की बैठक में आज कई बड़े फैसले लिए गए. गन्ना किसानों के लिए FRP बढ़ाने का ऐलान किया गया जिसका फायदा 5 करोड़ गन्ना किसानों को होगा.
मोदी कैबिनेट की अहम बैठक में आज कई बड़े फैसले लिए गए. कैबिनेट ने 5 करोड़ गन्ना किसानों के लिए बड़ा ऐलान किया है. गन्ने के लिए FRP यानी फेयर एंड रिम्यूनरेटिव प्राइस को बढ़ाकर 315 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है. इसे मार्केटिंग ईयर 2023-24 के लिए लागू किया गया है. सरकार के इस फैसले से 5 करोड़ गन्ना किसानों के अलावा 5 लाख वर्कर्स को भी फायदा मिलेगा.
अक्टूबर से सितंबर के बीच लागू होगा रेट
गन्ना किसानों को मिलने वाला यह अब तक का सबसे ज्यादा FRP है. कैबिनेट में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस फैसले से गन्ना किसानों की स्थिति में सुधार होगा. यह दर यह दर अक्टूबर से सितंबर के लिए लागू होगी जो मार्केटिंग ईयर होता है.
यूरिया सब्सिडी के लिए 3.68 लाख करोड़ रुपए का ऐलान
कैबिनेट कमिटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स यानी CCEA ने 2022-23 से 2024-25 के बीच अगले तीन सालों के लिए 368676.7 करोड़ रुपए के यूरिया सब्सिडी का ऐलान किया है. मार्केट डेवलपमेंट असिस्टेंस यानी MDA के लिए 1451 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है.
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NRF की होगी स्थापना
देश में शोध को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एनआरएफ) की स्थापना के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी. इसके लिए संसद में राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन विधेयक 2023 पेश किया जायेगा. सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने बताया कि प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार की अध्यक्षता में एक कार्यकारी परिषद का भी गठन किया जायेगा. उन्होंने बताया कि इसके लिए वर्ष 2023-24 से 2027-28 तक पांच वर्षों की अवधि के लिए 50 हजार करोड़ रूपये उपलब्ध कराये जायेंगे. इसमें से 14 हजार करोड़ रूपये भारत सरकार देगी जबकि शेष 36 हजार करोड़ रूपये उद्योग, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम, लोकोपकार दान आदि से जुटाया जायेगा.
FRP क्या होता है?
FRP वह न्यूनतम मूल्य है जिसे चीनी मिलों को गन्ना किसानों को देना होता है. गन्ना सत्र अक्टूबर से शुरू होता है. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने गन्ने का न्यूनतम मूल्य बढ़ाने का फैसला किया. सत्र 2023-24 के लिये गन्ने का FRP 315 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है. पिछले सत्र में गन्ने का न्यूनतम मूल्य 305 रुपए प्रति क्विंटल था. ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री हमेशा ‘अन्नदाता’ के साथ हैं. सरकार हमेशा कृषि और किसानों को प्राथमिकता देती रही है. उन्होंने कहा कि गन्ने का न्यूनतम मूल्य 2014-15 में 210 रुपए प्रति क्विंटल था. अब वह बढ़कर 2023-24 में 315 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है.मंत्रिमंडल ने वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिये नई योजना 'पीएम-प्रणाम' (कृषि प्रबंधन के लिये वैकल्पिक पोषक तत्वों को प्रोत्साहन) को मंजूरी दी: उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया.
टमाटर के जल्द घटेंगे दाम
टमाटर की आसमानी कीमत को लेकर कहा गया कि टमाटर की कीमत अगले 5-6 दिनों में नॉर्मल हो जाएगी. कहा गया कि अचानक बिगड़े मौसम, बरसात की वजह से दाम बढ़े हैं. नॉर्थ इंडिया में शिमला, सोलन से आवक बढ़ेगी तो कीमत पर दबाव कम होगा. देश में कुछ हिस्सों में दाम बढ़े हैं, लेकिन अन्य क्षेत्रों में दाम सामान्य हैं. देश में इसका औसत भाव 42 रुपए प्रति किलोग्राम है. कहा गया कि टमाटर खराब होने वाली चीज है. ऐसे में इसकी होर्डिंग संभव नहीं है. हालांकि ट्रेंड पर नजर रखे हुए हैं.
CACP से सुझाव दिए जाते हैं.
सरकार समय-समय पर गन्ने के लिए FRP में बदलाव करती है. इसके लिए CACP यानी कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइसेस की तरफ से सुझाव दिए जाते हैं. हालांकि, अंतिम फैसला लेने से पहले सरकार राज्य सरकारें और अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ भी बैठक करती है और उनके सुझावों को ध्यान में रखा जाता है.
अब सीजन के अंत का इंतजार नहीं
बता दें कि FRP सिस्टम के तहत किसानों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता है. पहले किसानों को कीमत पाने के लिए सीजन के खत्म होने का इंतजार करना पड़ता था. उसके बाद शुगर मिल्स और सरकार की तरफ से क्या घोषणा की जाती है, उस आधार पर किसानों को भुगतान होता था.
क्या है PM PRANAM प्रोग्राम?
PM PRANAM एक मास्टर प्रोग्राम है जिसका मकसद धरती की उपजाउ क्षमता को बेहतर करना और मिट्टी में पोषण को फिर से स्थापित करना है. PRANAM का मतल प्रोग्राम फॉर रिस्टोरेशन, अवेयरनेस, नरिशमेंट एंड एमीलोकेशन ऑफ स्वाइल है. इस अवेयरनेस प्रोग्राम की मदद से सरकार फर्टिलाइजर के कम इस्तेमाल को बढ़ावा देना चाहती है. इससे राजकोषीय सेहत में भी सुधार होगा. बजट 2024 पेश करते हुए 1 फरवरी 2023 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस प्रोग्राम का ऐलान किया था. इसे तीन सालों के लिए लागू किया जाएगा.
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