नीदरलैंड के बाद अब इस देश को केला बेचने की तैयारी में भारत, जानिए सरकार का क्या है प्लान
Banana Export: भारत ने पिछले एक दशक में केले के निर्यात में 10 गुना बढ़ोतरी दर्ज की है. इसी के साथ अब समुद्री मार्ग से नीदरलैंड को सफल ट्रायल शिपमेंट के बाद अगले 5 वर्षों में 1 बिलियन डॉलर के केले के निर्यात का लक्ष्य रखा गया है.
Banana Export: केंद्र के कृषि और एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट ऑथोरिटी (APEDA) के अनुसार, भारत ने पिछले एक दशक में केले के निर्यात में 10 गुना बढ़ोतरी दर्ज की है. इसी के साथ अब समुद्री मार्ग से नीदरलैंड को सफल ट्रायल शिपमेंट के बाद अगले 5 वर्षों में 1 बिलियन डॉलर के केले के निर्यात का लक्ष्य रखा गया है.
अब रूस को केला निर्यात करने की तैयारी
समुद्री मार्ग खुलने के साथ, भारतीय केले के निर्यात के लिए रूस एक प्रमुख बाजार के रूप में उभर सकता है. भारत वर्तमान में हवाई मार्ग पर निर्भर है जो परिवहन का एक उच्च लागत वाला तरीका है और निर्यात किए जा सकने वाले फलों की मात्रा को सीमित करता है. भारत ने वित्त वर्ष 2023-24 में 300 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के केले का निर्यात किया, जो 2022-23 की तुलना में शानदार रहा. 2022-23 में हमने 176 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात किया था.
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आम, अनार और कटहल भी बेचने की तैयारी
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, वैश्विक केले के निर्यात में देश की हिस्सेदारी बढ़ी है. 2013 में जो 0.2% थी वह बढ़कर 2023 में 1.74% पहुंच गई. एपीडा निर्यात मात्रा बढ़ाने के लिए केले, आम, अनार और कटहल के साथ ताजे फलों और सब्जियों के लिए समुद्री प्रोटोकॉल विकसित कर रहा है. इन प्रोटोकॉल का उद्देश्य समुद्री परिवहन को सुविधाजनक बनाना है, जिससे भारतीय किसानों के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच संभव हो सके.
भारत सरकार किसानों के लिए वित्तीय सहायता, इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार और बाजार तक पहुंच बढ़ाने सहित विभिन्न पहलों के माध्यम से केले की खेती और निर्यात का सक्रिय रूप से समर्थन कर रही है. जैसे-जैसे घरेलू किसान आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपना रहे हैं, वे बेहतर गुणवत्ता वाले केले की अधिक मात्रा में पैदावार कर रहे हैं, जिससे भारत वैश्विक केला उद्योग में एक प्रमुख प्लेयर के रूप में स्थापित हो रहा है.
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केले के निर्यातक के रूप में उभरा उत्तर प्रदेश
इस बीच, राज्यों में, उत्तर प्रदेश भी केले के निर्यातक के रूप में उभरा है. राज्य सरकार केले की खेती को बढ़ावा देने में सक्रिय रही है और इसके तहत कुशीनगर को एक जिला एक उत्पाद (OPOD) जिला घोषित किया गया है. इससे राज्य में केले के उत्पादकों को काफी लाभ पहुंचेगा. प्रोत्साहन स्वरूप उन्हें बाजार की मांग को पूरा करने वाले उच्च गुणवत्ता वाले केले की खेती करने के लिए सब्सिडी दी जा रही है.
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल और अवध क्षेत्र में कुशीनगर, देवरिया, गोरखपुर, महाराजगंज, बस्ती, संत कबीर नगर, अयोध्या, अंबेडकर नगर, अमेठी और बाराबंकी जैसे जिले बड़े पैमाने पर केले की खेती कर रहे हैं. बयान के अनुसार, पिछले डेढ़ दशक में केले की खेती का रकबा बढ़ा है। इसके अलावा, बेहतर किस्मों और एडवांस खेती तकनीकों को अपनाने से फसल की गुणवत्ता और उपज में सुधार हुआ है.
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केले की खेती पर सब्सिडी
योगी सरकार पहले से ही केले की खेती को प्रोत्साहन दे रही है. सरकार प्रति हेक्टेयर केले की खेती पर करीब 38,000 रुपये का अनुदान दे रही है. इसके अलावा, केले को प्रोसेस्ड कर उसके फल, रेशे और तने के जूस से अन्य उत्पादन बनाने की ट्रेनिंग भी योगी सरकार की ओर से किसानों को दी जा रही है. केले को प्रोसेस्ड कर अन्य उत्पाद बनाने वाले किसानों को एक्सपोजर भी दिया जा रहा है.