Goat Bank: ओडिशा के कालाहांडी (Kalahandi) में बकरी पालन (Goat Farming) गांव के लोगों की आजीविका के साथ-साथ उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने का एक प्रमुख साधन बन रहा है. इस प्रयास के पीछे जयंती महापात्रा और उनके पति बीरेन साहू का एक बड़ा फैसला है. ये दोनों बेंगलुरु में प्रबंधन के पेशे में थे. लेकिन उन्होंने नौकरी छोड़कर और कालाहांडी के सालेभाटा गांव आने का फैसला किया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने ओडिशा के दंपति की उस ‘बकरी बैंक’ (Goat Bank) पहल की सराहना की जिसके तहत सामुदायिक स्तर पर बकरी पालन को बढ़ावा देकर ग्रामीणों को पशुपालन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने में मदद किया जाता है.

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पीएम मोदी ने कहा, सेवा और लगन से भरी इसी सोच के साथ उन्होंने माणिकास्तु एग्रो की स्थापना की और किसानों के साथ मिलकर काम करने लगे. जयंती और बीरेन ने यहां एक दिलचस्प ‘मणिकस्तु बकरी बैंक’ भी खोला है. वे सामुदायिक स्तर पर बकरी पालन को बढ़ावा दे रहे हैं. उनके बकरी फार्म में दर्जनों बकरियां हैं.

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ऐसे काम करता है Goat Bank

माणिकास्तु एग्रो बकरी बैंक ने किसानों (Farmers) के लिए एक पूरी व्यवस्था बनाई है और इसके जरिए किसानों को 24 महीने के लिए दो बकरियां दी जाती हैं. उन्होंने कहा, बकरियां दो साल में नौ से 10 बच्चों को जन्म देती हैं, जिनमें से 6 बच्चों को बैंक द्वारा रखा जाता है. बाकी उसी परिवार को दे दिया जाता है जो बकरियां पालता है. इतना ही नहीं, बकरियों की देखभाल के लिए जरूरी सेवाएं भी प्रदान की जाती हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 50 गांवों के 1,000 से अधिक किसान इस दंपति से जुड़े हैं और उनकी मदद से गांव के लोग पशुपालन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं. मुझे यह देखकर बहुत खुशी होती है कि अलग-अलग क्षेत्रों में सफल पेशेवर छोटे किसानों (Small Farmers) को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए नए तरीके अपना रहे हैं. उनके प्रयास सभी को प्रेरित करने वाले हैं. 

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