अब तक OMSS के जरिए 4.89 LMT चावल और 2LMT गेहूं जारी, जमाखोरी पर सरकार का चला चाबुक
e-Auction: चावल, गेहूं और आटे की खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के बाजार उपाय के तहत गेहूं और चावल दोनों की ई-नीलामी की गई. इसमें 1.66 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 0.17 लाख मीट्रिक टन (LMT) चावल बेचा गया.
(Image- Freepik)
(Image- Freepik)
e-Auction: चावल, गेहूं और आटे की खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के बाजार उपाय के तहत 6 सितंबर को गेहूं और चावल दोनों की ई-नीलामी (e-Auction) की गई. इसमें 1.66 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 0.17 लाख मीट्रिक टन (LMT) चावल बेचा गया. यह वीकली ई-नीलामी भारत सरकार की पहल के तहत की गई है.
केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के मुताबिक वर्ष 2023-24 की 11वीं ई-नीलामी 6 सितंबर को हुई. पूरे देश में 500 डिपो से 2 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 337 डिपो से 4.89 लाख मीट्रिक टन चावल की बिक्री की पेशकश की गई.
ये भी पढ़ें- बेहतर फसल उत्पादन के लिए बनवाएं सॉयल हेल्थ कार्ड, खेत स्वस्थ तो कमाई जबरदस्त
गेहूं और चावल की इतनी हुई नीलामी
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
केंद्र सरकार के मुताबिक ई-नीलामी (e-Auction) में 1.66 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 0.17 लाख मीट्रिक टन चावल बेचा गया. एफएक्यू गेहूं (FAQ wheat) के लिए वेटेज एवरेज सेलिंग प्राइस 2169.65 रुपए प्रति क्विंटल था. जबकि, इसका पूरे देश में रिजर्व प्राइस 2150 रुपए प्रति क्विंटल था.
यूआरएस गेहूं (URS wheat) का वेटेज एवरेज सेलिंग प्राइस 2150.86 रहा. जबकि, इसका रिजर्व प्राइस 2125 रुपए प्रति क्विंटल था. मंत्रालय ने बताया कि चावल का वेटेज एवरेज सेलिंग प्राइस 2956.19 रुपए प्रति क्विंटवल था. जबकि, देशभर में इसका आरक्षित मूल्य 2952.27 रुपए प्रति क्विंटल था. ई-नीलामी की वर्तमान किस्त में एक खरीदार के लिए गेहूं की अधिकतम 100 टन और चावल की 1000 टन तक की पेशकश करके इनके खुदरा कीमतों में कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है.
ये भी पढ़ें- Sugar Price Hike: दशहरा-दिवाली तक सस्ती चीनी के आसार नहीं, इन वजहों से बढ़ रहे हैं दाम
केंद्रीय मंत्रालय के अनुसार यह फैसला छोटे और सीमांत उपयोगकर्ताओं को प्रोत्साहित करने और यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है ताकि प्रतिभागी आगे आ सकें और अपनी पसंद के डिपो से जरूरी मात्रा के लिए बोली लगा सकें.
स्टॉक की जमाखोरी रोकने के लिए उठाए ये कदम
केंद्र ने स्टॉक की जमाखोरी रोकने के लिए व्यापारियों को ओएमएसएस (डी) के तहत गेहूं की बिक्री के दायरे से बाहर रखा है. OMSS (D) के तहत गेहूं खरीदने वाले प्रोसेसरों की आटा मिलों की नियमित जांच व निरीक्षण किया जा रहा है. केंद्रीय मंत्रालय का कहना है कि इसी महीने 5 सितंबर तक देशभर में ऐसी 898 जांच की जा चुकी हैं.
ये भी पढ़ें- Kharif Season: तूर, अरहर, उड़द दालों के बढ़ेंगे दाम, मानसून ने बिगाड़ दिया पूरा गणित
05:09 PM IST