Krishi-DSS: सरकार ने फसल प्रबंधन और पैदावार बढ़ाने में मददगार महत्वपूर्ण डेटा किसानों को उपलब्ध कराने के लिए उपग्रह आधारित कृषि डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (Krishi-Decision Support System) शुरू की. कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने कृषि-डीएसएस (Krishi-DSS) की शुरुआत की, जो एक जियो-स्पैटियल प्लेटफॉर्म है. यह फसल की स्थिति, मौसम प्रणालियों, जल संसाधनों और सॉयल हेल्थ (Soil Health) संबंधी जानकारी प्रदान करेगा.

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कृषि राज्य मंत्री ने कहा, जलवायु संबंधी बढ़ती चुनौतियों के बीच यह प्लेटफॉर्म किसानों के लिए मील का पत्थर है. कृषि-डीएसएस को सरकार की ‘गति शक्ति’ पहल के समान प्रौद्योगिकी का उपयोग करके विकसित किया गया है. Krishi-DSS उपग्रह से प्राप्त तस्वीरों का इस्तेमाल कर कीटों के हमलों और मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों जैसी संभावित आपदाओं के बारे में पूर्व चेतावनी जारी करेगी.

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कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने कृषि में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के लाभों पर जोर दिया और फसलों की अधिक से अधिक किस्मों में दूर संवेदी सुविधा के उपयोग को बढ़ावा देने का आग्रह किया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अंतरिक्ष उपयोग केंद्र के निदेशक नीलेश एम देसाई ने कहा कि कृषि क्षेत्र में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों का प्रयोग 1969 से किया जा रहा है और उन्होंने धान (Paddy) और गेहूं (Wheat) से परे भी इनके प्रयोग को बढ़ावा देने की जरूरत पर बल दिया. 

अधिकारियों ने बताया कि कृषि-डीएसएस (Krishi-DSS) प्लेटफॉर्म को अंतरिक्ष विभाग के आईआरएनएसएस-1ए (RISAT-1A) और वेदास (VEDAS) का उपयोग करके विकसित किया गया है.

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