Center of Excellence: बिहार के कम बारिश वाले क्षेत्रों में मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए गया में मोटे अनाज (Millets) तो दरभंगा में मखाना (Makhana) का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (Center of Excellence) बनेगा. बिहार में चौथे कृषि रोड मैप में पांच सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (COE) को मंजूरी दी गई है. 

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कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने बताया कि वैशाली के राघोपुर में पान (Paan) का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेगा. इसी तरह बांका में शहद (Honey), दरभंगा में मखाना (Makhana) और किशनगंज में चाय (Tea) का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाना है। इन सबके लिए डीपीआर बनाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि गया कि टनकुप्पा में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के निर्माण के लिए 52 एकड़ जमीन चिह्नित कर ली गई है.

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किसानों को दी जाएगी ट्रेनिंग

कृषि मंत्री ने कहा कि मोटे अनाज के लिए बनने वाले सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का डीपीआर बन रहा है. यहां किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा और कम पानी में बेहतर सिंचाई और तालाब का मॉडल भी बताया जाएगा. उन्होंने कहा कि गया, नवादा और औरंगाबाद में तिल की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि तिलकुट निर्माण के लिए प्रसिद्ध गया में स्थानीय तिल से ही तिलकुट बनेगा.

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इसके अलावा ज्वार, बाजरा, रागी, मक्का की फसल लगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा. कृषि मंत्री ने कहा कि जैविक खेती की भी सरकार ब्रांडिंग करेगी. उन्होंने कहा कि किशनगंज में उत्पादित चाय की राज्य सरकार ब्रांडिंग करेगी। इसकी योजना बनाई जा रही है.

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