Biofloc Fish Farming: देश में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के राज्य सरकार भी किसानों और लोगों को मदद कर रही है. बिहार सरकार का पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग लोगों को रोजगार का अवसर दे रहा है. आप भी मछली उत्पादन कर रोजगार करना चाहते हैं तो बायोफ्लॉक (Biofloc) तकनीक के बारे में जानकारी लीजिए और कमाई का जरिया बनाइए.

बायोफ्लॉक तकनीक से मछली पालन (Biofloc Fish Farming)

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अगर आपके पास तालाब खोदने के लिए ज्यादा जमीन नहीं है तो आप बायोफ्लॉक तकनीक (Biofloc Fish Farming) से मछली पालन कर सकते हैं. इस तकनीक में कम जगह में गोल टैंक बनाकर मछली पालन किया जाता है. बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मुताबिक, बायोफ्लॉक का निर्माण तीन चीजों पर निर्भर करता है.

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  • पानी में कार्बन स्रोत की मात्रा
  • मत्स्य आहार अवशेष
  • आहार में मौजूद नाइट्रोजन की मात्रा

बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मुताबिक, बायोफ्लॉक का निर्माण तीन चीजों पर निर्भर करता है. अधिक जानकारी के लिए मत्स्य निदेशालय के टॉल फ्री नंबर 1800 345 6185 पर संपर्क कर सकते हैं.

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बायोफ्लॉक मछली पालन की लागत करीब 80,000 रुपये तक आती है, जिसमें टैंक बनाने का खर्च, शेड, मछलियों के बीज शामिल है. बायोफ्लॉक तकनीक से मछली पालन पर सरकार की तरफ से सब्सिडी भी मिलती है. केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PM Matsya Sampada Yojana) के तहत बायोफ्लॉक सिस्टम (Biofloc System) लगाने के 60% तक सब्सिडी मिलती है. 

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