Zomato के बाद अब Swiggy ने भी दिया कस्टमर्स को झटका, ऑनलाइन फूड मंगाने के लिए देना होगा इतना ज्यादा चार्ज
स्विगी ने खाने के ऑर्डर पर अपना प्लेटफॉर्म शुल्क बढ़ाकर 3 रुपये कर दिया है. बता दें कि स्विगी अपने क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म इंस्टामार्ट पर 4 रुपये का हैंडलिंग चार्ज भी लगाता है.
प्लेटफ़ॉर्म शुल्क केवल स्विगी की फूड डिलीवरी सेवा पर लागू होता है, इंस्टामार्ट ऑर्डर पर नहीं.
प्लेटफ़ॉर्म शुल्क केवल स्विगी की फूड डिलीवरी सेवा पर लागू होता है, इंस्टामार्ट ऑर्डर पर नहीं.
ऑनलाइन फूड डिलेवरी प्लेटफॉर्म स्विगी ने फूड डिलीवरी ऑर्डर पर लगने वाली प्लेटफॉर्म फीस को 2 रुपये से बढ़ाकर 3 रुपये कर दिया है. स्विगी के कंपटीटर ब्रांड गुड़गांव स्थित जोमैटो ने भी 2 रुपये प्लेटफॉर्म शुल्क लेना शुरू कर दिया था, जिसे बाद में कुछ स्थानों पर बढ़ाकर 3 रुपये कर दिया गया. बता दें कि स्विगी अपने क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म इंस्टामार्ट पर 4 रुपये का हैंडलिंग चार्ज भी लगाता है.
स्विगी के एक प्रवक्ता ने सोमवार को IANS को बताया, कि प्लेटफ़ॉर्म शुल्क पर कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं हुआ है. यह उद्योग में एक आम बात है. प्रवक्ता ने कहा, जिन शहरों में हम काम करते हैं उनमें से अधिकांश में प्लेटफ़ॉर्म शुल्क अभी 3 रुपये है.
जोमैटो ने भी बढ़ाया शुल्क
अप्रैल में, कंपनी ने कार्ट वैल्यू की परवाह किए बिना, प्रति ऑर्डर 2 रुपये का प्लेटफ़ॉर्म शुल्क पेश किया था. अगस्त में, स्विगी कॉम्पीटीटर ज़ोमैटो ने भी अपना प्लेटफ़ॉर्म शुल्क शुरुआती 2 रुपये से बढ़ाकर 3 रुपये प्रति ऑर्डर कर दिया. ज़ोमैटो ने ज़ोमैटो गोल्ड यूजर्स से प्लेटफ़ॉर्म शुल्क लेना शुरू कर दिया, जिन्हें पहले छूट दी गई थी.
किन ग्राहकों को नहीं भरना होगा
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वर्तमान में स्विगी 2 रुपये की छूट के साथ 5 रुपये के रूप में प्लेटफॉर्म शुल्क लेता है. 2 रुपये छूट के बाद ग्राहक से 3 रुपये फीस ली जाती है. प्लेटफॉर्म शुल्क डिलीवरी चार्ज के अतिरिक्त लगाया जाता है. यह फीस कंपनी के लॉयल्टी प्रोग्राम स्विगी वन मेंबरशिप के ग्राहकों के लिए माफ है. फिलहाल, प्लेटफ़ॉर्म शुल्क केवल स्विगी की फूड डिलीवरी सेवा पर लागू होता है, इंस्टामार्ट ऑर्डर पर नहीं.
स्विगी की लोन सुविधा
इस बीच, स्विगी ने अपने पूंजी सहायता कार्यक्रम के तहत 8,000 से अधिक रेस्तरां मालिकों को 450 करोड़ रुपये से अधिक के लोन की सुविधा प्रदान की है.
2017 में लॉन्च किया गया, पूंजी सहायता कार्यक्रम एक नायाब तरीका है जिसे वित्तपोषण अंतर को पाटने और रेस्तरां मालिकों को सशक्त बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है. कंपनी ने एक बयान में कहा कि अब तक 8,000 से अधिक रेस्तरां ने लोन लिया है, जिनमें से 3,000 ने अकेले 2022 में ऋण लिया.
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04:17 PM IST