चीनी शेल कंपनियों को 'फर्जी निदेशक' देने वाली भारतीय संस्थाओं पर कार्रवाई,भारत को लगा रहे थे चूना-MCA
Raid on Chinese shell companies: कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) ने गुरुवार को देश के कई शहरों में चीनी मुखौटा कंपनियों को फर्जी निदेशक देने वाली भारतीय संस्थानों पर कार्रवाई की शुरुआत की है.
Raid on Chinese shell companies: कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) ने गुरुवार को दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद और गुरुग्राम जैसे शहरों में सैकड़ों चीनी मुखौटा कंपनियों को “फर्जी निदेशक” प्रदान करने वाली भारतीय संस्थाओं पर कार्रवाई शुरू की है. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) ने दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद और गुरुग्राम जैसे शहरों में सैकड़ों चीनी मुखौटा कंपनियों को “फर्जी निदेशक” प्रदान करने वाली भारतीय संस्थाओं पर कार्रवाई शुरू की है. विभिन्न राज्यों में ऐसे भारतीय संगठन जो सैकड़ों चीनी मुखौटा कंपनियों को फर्जी निदेशक प्रदान कर रहे थे उन पर छापेमारी की गई. दिल्ली, गुरुग्राम, बेंगलुरु और हैदराबाद में ऐसी कंपनियों के कार्यालय में छापेमारी हुई.
अवैध रूप से चल रही कई चाइनीज कंपनी
ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि कुछ चीनी नागरिकों ने अवैध रूप से कई भारतीय कंपनियां बनाई हैं. जिसके सहारे हजारों करोड़ रुपये का राजस्व इकट्ठा किया और फिर इन पैसों को भारत सरकार से छुपा कर चीन लेकर चले गए. ईडी के सूत्रों के अनुसार, चार्टर्ड एकाउंटेंट की मदद से ये चीनी नागरिक हेराफेरी कर रहे हैं.
एक आरोपी गिरफ्तार
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने जांच के दौरान जिलियन कंसल्टेंट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालयों पर छापेमारी की. इस दौरान गुड़गांव की जिलियन हांगकांग लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, बैंगलोर की फिनिटी प्राइवेट लिमिटेड और हैदराबाद से सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआईओ)से एक पूर्व सूचीबद्ध कंपनी हुसिस कंसल्टिंग लिमिटेड ने आरोपी डॉर्टसे को गिरफ्तार किया है. डॉर्टसे जिलियन इंडिया लिमिटेड के बोर्ड में हैं और स्पष्ट रूप से भारत में चीनी लिंक वाली बड़ी संख्या में शेल कंपनियों को शामिल करने और उनके बोर्ड में नकली निदेशक प्रदान करने के पूरे रैकेट के मास्टरमाइंड हैं. गिरफ्तार डॉर्टसे ने कंपनी रजिस्ट्रार के पास दर्ज रिकॉर्ड के अनुसार खुद को हिमाचल प्रदेश के मंडी का निवासी बताया.
चीनी सट्टेबाजी और डेटिंग ऐप से लगाए भारत को चूना
ईडी ने एचएसबीसी बैंक में दो साल पहले चीन में अवैध मनी ट्रांसफर के लिए चीनी सट्टेबाजी और डेटिंग ऐप से जुड़े 47 करोड़ रुपये को फ्रीज किया था. जिसके बाद ईडी ने एफआईयू (FIU) को इन लेनदेन की जानकारी नहीं देने के लिए पेटीएम, कैश फ्री और रेजरपे सहित कई पेमेंट गेटवे पर अपना ध्यान केंद्रित किया था. ये ऐप भारत में जबरन वसूली में भी शामिल रहे हैं. इस खेल में भारतीय नागरिक भी शामिल हैं. भारतीयों को बैंक और व्यापार खाते खोलने के उद्देश्य से रखा जाता है. साथ ही बहुत अधिक ब्याज दर पर दिए गए लोन की वसूली भी इनसे की जाती है. ऐसे कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं.
09:31 AM IST