Business Data के इस्तेमाल से बैंकों और NBFC के लिए लोन देना दिन-ब-दिन आसान होता जा रहा है. इस डेटा से किसी भी कारोबारी के व्यापार की सही आर्थिक स्थिति का अंदाजा बड़ी ही आसानी से लग जाता है और इसीलिए देश के हर दिग्गज बैंकों का फ़ोकस इन दिनों अपनी MSME लोन बुक को बढ़ाना है. इसी वजह से बिना झंझट, बिना बैंक के चक्कर लगाए या बिना कुछ गिरवी रख कर बिजनेस के लिए लोन लेना अब आसान हो रहा है. खासतौर से छोटे व्यापारियों के लिए सरकार और देश के दिग्गज बैंक-NBFC इस दिशा में जोरों-शोरों से काम कर रहे हैं.  

क्या है बिजनेस डेटा

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एक जमाना था जब बैंकों के लिए कारोबारियों को लोन देना काफी लंबी प्रक्रिया का हिस्सा होता था क्योंकि बिज़नेस के मॉडल और कारोबारी की वित्तीय स्थिति का आंकलन करने में काफी वक्त जाता था लेकिन अब बैंक कारोबारी के बिजनेस डाटा का इस्तेमाल करके लोन तेजी से बांट सकते हैं. इस बिजनेस डाटा में GST और ITR वगैरह शामिल है.  

UIDAI के पूर्व चेयरमैन नंदन नीलेकणि के अनुसार क्रेडिट लाइन को आसान बनाने के लिये व्यापारी का UPI data, GST Data, ITR डाटा, अकाउंटिंग का डाटा इस्तेमाल किया जा सकता है. यह सारा डाटा बैंक और NBFC के पास मौजूद होता है जिसके की collateral free loan देना आसान होगा. खासकर GST invoice के आधार पर हर बैंक और NBFC आसानी से स्मॉल टिकट लोन एक दिन में sanction कर रहे हैं. 

ट्रांजैक्शन हिस्ट्री का होगा ऑडिट

SIDBI के चेयरपर्सन Sivasubramanian Ramann की माने तो Small industrial development bank of India जल्द ही GST सहायता लांच करेगा, जिससे कि लोन कुछ छंटो में sanction हो सकता है. इसमें बिजनेस के ट्रांजैक्शन की हिस्ट्री ऑडिट के लिए GST डेटा का इस्तेमाल किया जाएगा.

5 ट्रिलियन इकोनॉमी को मिलेगी मदद

RBI का Innovation Hub भी जल्द से जल्द frictionless credit platform लांच करेगा, जिससे छोटे कारोबारी और स्टार्टअप में उतरने वाले लोगों के लिए लोन आसानी से  sanction करने में मदद मिलेगी. भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनॉमी बनाने में MSME और स्टार्ट अप का एक बड़ा योगदान होगा. इसीलिये सरकार इनकी मदद के लिए तेज और आसान लोनिंग से बिजनेस आसान बनाना चाहती है. बिजनेस डाटा सरकार, बैंकों और ग्राहक सबके लिए क्रेडिट लाइन को और आसान बना रहा है.

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