जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों पर चलेगा RBI का डंडा, विलफुल डिफॉल्टर्स के लिए जारी किए नए नियम
RBI norms on Wilful Defaulters: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने विलफुल डिफॉल्टर्स के लिए नए नियमों के ड्राफ्ट को पेश किया है.
(Source: Reuters)
(Source: Reuters)
RBI norms on Wilful Defaulters: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों (Wilful Defaulters) पर सख्ती करते हुए इनसे संबंधित मानदंडों में व्यापक बदलाव का प्रस्ताव रखा है. केंद्रीय बैंक (RBI) ने इस प्रस्ताव में उन्हें (Wilful Defaulters) ऐसे व्यक्ति के रूप में परिभाषित किया गया है, जिनके पास 25 लाख रुपये और उससे अधिक की बकाया राशि है और भुगतान करने की क्षमता होने के बावजूद भुगतान करने से इनकार कर दिया है.
RBI ने नए ड्राफ्ट मास्टर डायरेक्शन पर टिप्पणियां मांगी हैं. इस प्रस्ताव में उधार देने वालों के लिए दायरे का विस्तार करने का प्रस्ताव है, जो उधार लेने वालों को विलफुल डिफॉल्टर के रूप में वर्गीकृत करता है, और इस पहचानने के प्रोसेस को और आसान कर सकता है.
Draft Master Direction on Treatment of Wilful Defaulters and Large Defaultershttps://t.co/gAH952IEDL
— ReserveBankOfIndia (@RBI) September 21, 2023
किसी दूसरी कंपनी के बोर्ड में नहीं हो सकेंगे शामिल
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
RBI ने अपने प्रस्ताव में बताया है कि ऐसे विलफुल डिफॉल्टर्स क्रेडिट फेसिलिटी को रीस्ट्रक्चर नहीं कर सकेंगे. इसके अलावा विलफुल डिफॉल्टर्स किसी अन्य कंपनी के बोर्ड में भी शामिल नहीं हो सकते हैं. ड्रॉफ्ट में कहा गया है कि कर्ज देने वाले आवश्यकता पड़ने पर जहां भी चाहें, अपने कर्ज की वापसी के लिए फौजदारी या वसूली के लिए कर्ज लेने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं.
31 अक्टूबर तक दे सकते हैं टिप्पणी
RBI के इस ड्राफ्ट में किसी खाते को NPA घोषित किए जाने के छह महीने के भीतर जानबूझकर डिफ़ॉल्ट पहलुओं की समीक्षा और अंतिम रूप देने का भी प्रस्ताव किया गया है. ड्राफ्ट पर टिप्पणियां 31 अक्टूबर तक आरबीआई को सौंपी जा सकती हैं.
RBI ने एक प्रेस नोट में बताया कि जानबूझकर लोन न चुकाने वालों की समीक्षा वाले इस ड्राफ्ट को मौजूदा निर्देशों की समीक्षा, सुप्रीम कोर्ट और अन्य दूसरे कोर्ट के विभिन्न निर्णय और आदेशों पर विचार करने के साथ-साथ बैंकों और दूसरे स्टेकहोल्डर्स के साथ सुझाव करने के बाद पेश किया गया है.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
07:21 PM IST