HDFC Bank MCLR Rates: देश के बड़े प्राइवेट बैंक HDFC Bank ने अपने कस्टमर्स को नए साल की खुशखबरी दे दी है. Bank ने अपने कस्टमर्स को नए साल का तोहफा देते हुए मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स (MCLR) में कटौती का ऐलान किया है.
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HDFC बैंक ने किन MCLR दरों को बदला
बैंक अपने ओवरनाइट, 6 महीने, 1 साल और 3 साल की अवधि वाले लोन पर MCLR को 0.05 फीसदी घटा लिया है. हालांकि, बाकि दूसरे अवधि वाले लोन पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
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कब से लागू होंगी नई दरें?
HDFC Bank की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, MCLR की यह नई दरें 7 जनवरी, 2025 से लागू हो चुकी हैं.
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क्या होता है MCLR?
MCLR वह न्यूनतम दर होती है जिसके नीचे कोई भी बैंक ग्राहकों को लोन नहीं दे सकता है. दरअसल जब आप किसी बैंक से लोन लेते हैं तो बैंक द्वारा लिए जाने वाले ब्याज की न्यूनतम दर को आधार दर कहा जाता है. अब इसी आधार दर की जगह पर बैंक MCLR का इस्तेमाल कर रहे हैं.
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MCLR बढ़ने पर क्यों महंगा होता है लोन?
MCLR न्यूनतम दर है, ऐसे में ये साफ है कि बैंक इसके रेट के नीचे ग्राहकों को लोन नहीं दे सकते यानी MCLR जितना बढ़ेगा, लोन पर ब्याज भी उतना ही ऊपर जाएगा. ऐसे में मार्जिनल कॉस्ट से जुड़े लोन जैसे- होम लोन, व्हीकल लोन आदि पर ब्याज दरें बढ़ जाएंगी.
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कब बढ़ती है EMI?
ऐसा नहीं है कि MCLR बढ़ते ही अगले महीने से आपकी ईएमआई भी बढ़ जाएगी. यहां पर गौर करने वाली बात ये है कि MCLR रेट बढ़ने पर आपके लोन पर ब्याज दरें तुरंत नहीं बढ़ती हैं. लोन लेने वालों की EMI रीसेट डेट पर ही आगे बढ़ती है.
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