दिल्ली, मुंबई नहीं... नॉर्थ ईस्ट का जो शहर कैशलेस ट्रैवल करने में सबसे ज्यादा है आगे, उसकी उम्मीद नहीं होगी
Cashless Payment: मिजोरम की राजधानी आइजोल मोबिलिटी सेवाओं के लिए कैशलेस भुगतान के मामले में सबसे आगे है जबकि बड़े शहरों के बीच हैदराबाद शीर्ष स्थान पर मौजूद है.
Cashless Payment: देश में मोबिलिटी सेवाओं जैसे कि डिलीवरी और ट्रासंपोर्ट से जुड़ी सेवाओं के लिए कैशलेस पेमेंट करने में जो राज्य आगे है, उसके नाम की उम्मीद आपको नहीं होगी. दरअसल, मिजोरम की राजधानी आइजोल मोबिलिटी सेवाओं के लिए कैशलेस भुगतान के मामले में सबसे आगे है जबकि बड़े शहरों के बीच हैदराबाद शीर्ष स्थान पर मौजूद है. एक रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया गया है. महानगरों में मोबिलिटी सेवाओं (डिलिवरी और परिवहन से जुड़ी सेवाएं) के कैशलेस डिजिटल भुगतान के मामले में कोलकाता दूसरे स्थान पर मौजूद है. इसके बावजूद शहर को कोई भी पार्टिसिपेंट स्मार्टफोन यूजर ट्र्रांसपोर्ट या सप्लाई सेवाओं के लिए तीन या उससे अधिक ऐप का इस्तेमाल नहीं करता है.
पहाड़ी शहरों ने अपनाया डिजिटल पेमेंट का रास्ता
ओएमआई फाउंडेशन की आवाजाही सुगमता सूचकांक पर आधारित रिपोर्ट-2022 में शहरों को रैंकिंग दी गई है. इस रिपोर्ट को देशभर के 18 शहरों में रहने वाले 50,488 निवासियों से मिले जवाबों के आधार पर तैयार किया गया है. रिपोर्ट कहती है कि संभावनाशील शहरों के बीच जम्मू में इंटरनेट एवं मोबाइल नेटवर्क का प्रसार सीमित रहने से डिजिटल मोबिलिटी सेवाओं की प्रगति पर असर पड़ा है. रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘आवागमन के लिए कैशलेस भुगतान का अनुपात सभी श्रेणी के शहरों में आइजोल के निवासियों के बीच सर्वाधिक रहा. अन्य पर्वतीय शहरों शिमला और कोहिमा के निवासियों ने भी आपूर्ति और भुगतान के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी को तेजी से अपनाया है.’’
लखनऊ वालों ने भी बनाई जगह
रिपोर्ट कहती है कि पणजी और भुवनेश्वर जैसे शहरों में मांग पर आपूर्ति के लिए तीन से अधिक ऐप का इस्तेमाल करने वालों का एक अच्छा अनुपात है. तेजी से बढ़ते शहरों के मामले में पटना और लखनऊ में मोबिलिटी सेवाओं के सर्वाधिक कैशलेस भुगतान किए जा रहे हैं. वहीं बड़े शहरों के मामले में हैदराबाद अलग तरह की मोबिलिटी सेवाओं के लिए कैशलेस भुगतान के मामले में आगे पाया गया है. इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की सबसे ज्यादा मंशा अहमदाबाद में दर्ज की गई है.
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ओएमआई फाउंडेशन के न्यासी हरीश अबिचंदानी ने कहा, ‘‘आवागमन के लिए साझा इस्तेमाल वाले वाहनों के इस्तेमाल से टिकाऊ आवाजाही को समर्थन मिल रहा है. इसके साथ प्रौद्योगिकी नवाचार को भी जोड़ दें तो भारतीय शहरों में आवागमन का परिदृश्य बदलने की संभावना है.’’
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05:59 PM IST