देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक एचडीएफसी (HDFC Bank) ने अपने ग्राहकों को बड़ी राहत दी. बैंक ने ब्याज दरें घटाने का ऐलान किया है. HDFC बैंक ने सभी अवधि के लिए MCLR में कटौती की है. मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेडिंग रेट (MCLR) की दरों में 0.15 फीसदी तक की कटौती की गई है. इस कटौती के बाद बैंक के होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन सस्ते हो गए हैं. HDFC से ठीक एक दिन पहले ही भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने भी एक साल के MCLR में 0.10% कटौती की थी. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कितनी कम होगी आपकी EMI?

HDFC बैंक के MCLR घटाने से अब आपकी EMI भी कम हो जाएगी. हर महीने EMI पर 0.15 फीसदी कम ब्याज चुकाना होगा. यह दर 8.30 फीसदी से कम होकर 8.15 फीसदी पर आ गई है. वहीं, दो साल की दरें घटकर 8.25 फीसदी हो गई है. RBI ने इस साल 1 अप्रैल से 31 अक्टूबर 2019 के बीच ब्याज दरों में 1.35 फीसदी की कटौती कर चुका है. हालांकि, दिसंबर पॉलिसी में ब्याज दरों को स्थिर रखा गया है.

स्टेट बैंक ने ग्राहकों को दी बड़ी राहत

SBI की नई दरें आज से लागू हो गई हैं. SBI का एक साल के लिए MCLR अब 8% से घटकर 7.90% हो गया है. SBI ने चालू वित्त वर्ष में लगातार आठवीं बार MCLR में कटौती की है. सबसे बड़े बैंक ने कहा है कि ब्याज दर में कटौती के साथ वह देश में 'सबसे सस्ती दर पर लोन उपलब्ध कराने वाला' बैंक बन गया है. SBI परिसंपत्ति, जमा, शाखाओं, ग्राहकों और कर्मचारियों के लिहाज से देश का सबसे बड़ा बैंक है.

क्या है MCLR?

मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेडिंग रेट (MCLR) को इंटरनल बेंचमार्क माना जाता है. MCLR भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का एक मेकेनिज्म है, जिसे कमर्शियल बैंक लोन की ब्याज दर तय करने में इस्तेमाल करते हैं. भारत में नोटबंदी के बाद से इसे लागू किया गया है, जिसकी वजह से लोन लेना थोड़ा आसान हो गया है. बैंकों से लोन लेने पर ब्याज दर निर्धारित करने के लिए अप्रैल 2016 में RBI ने MCLR की शुरुआत की थी.