HDFC Bank ने दिवाली से पहले दिया झटका, MCLR बढ़ाया, ग्राहकों की जेब पर बढ़ा EMI का बोझ
Lending Rates: एचडीएफसी बैंक ने मार्जिन कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स (MCLR) में 0.05 फीसदी की बढ़ोतरी की है. यह बढ़ोतरी चुनिंदा लोन अवधि के लोन के लिये की गयी है.
(Image- Reuters)
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MCLR: प्राइवेट सेक्टर के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) ने दिवाली से पहले ग्राहकों को झटका दिया है. एचडीएफसी बैंक ने मार्जिन कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स (MCLR) में 0.05 फीसदी की बढ़ोतरी की है. यह बढ़ोतरी चुनिंदा लोन अवधि के लोन के लिये की गयी है. एमसीएलआर में बढ़ोतरी से ऑटो लोन, होम लोन और पर्सनल लोन महंगा हो जाएगा और ईएमआई (EMI) बढ़ जाएगी. नई दरें 7 नवंबर 2023 से लागू हो गई हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) पिछले पांच बार से मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट (Repo Rate) को बनाए रखे हुए है. उसके बावजूद बैंक ने ब्याज दर में बढ़ोतरी की है. एचडीएफसी लिमिटेड के खुद में विलय के बाद बैंक का नेट इंटरेस्ट मार्जिन कम हुआ है.
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नई ब्याज दरें
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संशोधित ब्याज दर के तहत एक दिन की एमसीएलआर (MCLR) मौजूदा 8.60% से बढ़कर 8.65% हो गयी है. वहीं 3 साल से संबद्ध एमसीएलआर 9.25% से बढ़कर 9.30% हो गयी है. हालांकि एक साल की अवधि से संबद्ध एमसीएलआर को 9.20% पर बरकरार रखा गया है.
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MCLR क्या होता है?
MCLR दसअसल वह न्यूनतम ब्याज दर से होती है, जिसके नीचे कोई भी बैंक ग्राहकों को लोन नहीं दे सकता है. बैंकों के लिए हर महीने अपना ओवरनाइट, एक महीने, तीन महीने, छह महीने, एक साल और दो साल का एमसीएलआर घोषित करना अनिवार्य होता है. MCLR बढ़ने का मतलब है कि मार्जिनल कॉस्ट से जुड़े लोन जैसे- होम लोन, व्हीकल लोन पर ब्याज दरें बढ़ जाएंगी.
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11:42 AM IST