लॉ कंपनी सिरील अमरचंद मंगलदास ने भाई-भतीजावाद के आरोप को लेकर आईसीआईसीआई बैंक प्रमुख चंदा कोचर को पाक साफ बताने वाली अपनी रिपोर्ट वापस ले ली. आईसीआईसीआई बैंक ने कहा कि विधि कंपनी की जिस जांच रिपोर्ट के आधार पर कोचर को इस साल मार्च में पाक-साफ बताया गया था उस रिपोर्ट को देने वाली कंपनी का कहना है कि रिपोर्ट को अब वैध नहीं माना जाना चाहिये.

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कोचर के खिलाफ अपनों को लाभ पहुंचाने और हितों के टकराव को लेकर आरोप लगने के बाद तत्कालीन चेयरमैन एमके शर्मा ने मार्च में आईसीआईसीआई बैंक की तत्कालीन प्रमुख में पूरा भरोसा जताया था. उन्होंने बैंक की ओर से वीडियोकॉन समूह को दिए गए कुछ कर्ज के मामले में परस्पर लाभ पहुंचाने के आरोप को खारिज कर दिया था. बैंक ने कहा कि उसने कोचर पर भरोसा विधि कंपनी की जांच रिपोर्ट के आधार पर जताया था. कोचर के खिलाफ भाई-भतीजावाद और हितों के टकराव के आरोप की जांच को लेकर विधि कंपनी की सेवा 2016 में ली गयी थी.

सूत्रों के अनुसार मामले में विधि कंपनी सिरील अमरचंद मंगलदास ने जांच की थी. आईसीआईसीआई बैंक ने कहा, 'विधि कंपनी ने दिसंबर 2016 में अपनी रिपोर्ट दी थी. इसमें कहा गया था कि कोचर के खिलाफ अपनों को लाभ पहुंचाने के हितों के टकराव का कोई सबूत नहीं मिला. अत: मामले को बंद किया जाए.' कोचर पर जब मार्च 2018 में इसी बात को लेकर आरोप लगे तो बैंक के निदेशक मंडल ने विधि कंपनी की ही रिपोर्ट के आधार पर बयान जारी तत्कालीन सीईओ और प्रबंध निदेशक पर भरोसा जताया था.

बैंक के अनुसार, 'उसके बाद इस बारे में विधि कंपनी को सूचना दी गई. उस पर विधि कंपनी ने कहा कि पहले की रिपोर्ट वैध नहीं मानी जाएगी.' बाद में आईसीआईसीआई बैंक ने कोचर के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिये उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बीएन श्रीकृष्ण की अध्यक्षता में जांच समिति बनाई. इससे पहले, 4 अक्टूबर को बैंक ने सूचित किया था कि कोचर ने तत्काल प्रभाव से बैंक छोड़ दिया है.

इनपुट एजेंसी से