Personal Loan की राशि अकाउंट में ट्रांसफर होने के बाद क्या लोन कैंसिल किया जा सकता है?
मान लीजिए कि आपने पर्सनल लोन के लिए अप्लाई किया और लोन की राशि आपके अकाउंट में ट्रांसफर कर दी गई, लेकिन आपको उस राशि की जरूरत नहीं रही, तो क्या लोन को कैंसिल करवाकर राशि को वापस लौटाया जा सकता है? यहां जानिए इसके बारे में.
Personal Loan की राशि अकाउंट में ट्रांसफर होने के बाद क्या लोन कैंसिल किया जा सकता है?
Personal Loan की राशि अकाउंट में ट्रांसफर होने के बाद क्या लोन कैंसिल किया जा सकता है?
पर्सनल लोन कई मामलों में मददगार साबित होता है. कई बार जब अचानक पैसों की जरूरत पड़ जाए और कहीं से कोई रास्ता न दिखे तो लोग पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करते हैं. पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड लोन होता है. इसे लेने के लिए बहुत ज्यादा डॉक्यूमेंटेशन की जरूरत नहीं होती. लेकिन इसका ब्याज बहुत ज्यादा होता है. मान लीजिए कि कभी आपको पैसों की अचानक काफी जरूरत पड़ी, आपने पर्सनल लोन के लिए अप्लाई किया और लोन की राशि आपके अकाउंट में ट्रांसफर कर दी गई, लेकिन इस बीच आपका काम हो गया और आपको उस राशि की जरूरत ही नहीं रही. ऐसे में अब क्या लोन को कैंसिल करवाकर राशि को वापस लौटाया जा सकता है? आइए आपको बताते हैं इस बारे में.
जानिए क्या है नियम
बैंक में काम करने वाली एक अधिकारी ने इस बारे में बताया कि अगर आपका लोन सैंक्शन हुआ है, लेकिन लोन की राशि अकाउंट में नहीं आई है और आपको लगता है कि अब आपको लोन की जरूरत नहीं है, तो आप इसे कैंसिल कर सकते हैं. लेकिन डिसबर्सल के बाद यानी लोन का अमाउंट अकाउंट में आने के बाद लोन को कैंसिल नहीं कर सकते. ऐसे में आप बैंक के नियम और शर्तों के अनुसार लोन का प्रीपेमेंट कर ब्याज में बचत कर सकते हैं.
पर्सनल लोन के फायदे
- पर्सनल लोन कोलेट्रल फ्री लोन है. आपको इसके बदले में किसी चीज को गिरवी रखने की जरूरत नहीं पड़ती है. शादी, मेडिकल एमरजेंसी या किसी अन्य तरह की एमरजेंसी की कंडीशन में जब अचानक पैसों की जरूरत पड़ती है और कोई रास्ता नहीं दिखता, तब पर्सनल लोन आपका बेहतर साथी बन सकता है.
- अधिकांश लोन जैसे होम लोन, कार लोन, टू-व्हीलर लोन आदि के साथ लोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध जुड़े रहते हैं, लेकिन पर्सनल लोन के साथ ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं होता. आप अपनी मर्जी और जरूरत के हिसाब से इसे कहीं भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
- पर्सनल लोन को चुकाने के लिए आपको अच्छा खासा समय दिया जाता है. इसके लिए फ्लेक्सिबल रिपेमेंट अवधि जुड़ी रहती है जो आमतौर पर 12 महीनों से 60 महीनों के बीच होती है. आप इसे अपनी सहूलियत के हिसाब से चुन सकते हैं.
क्या होती है पात्रता
अगर आप नौकरीपेशा वाले हैं, तो पर्सनल लोन के आपकी उम्र 18-60 वर्ष होनी चाहिए. वहीं गैर नौकरीपेशा लोगों की 21-65 वर्ष के बीच होनी चाहिए. तमाम बैंकों में उम्र का मापदंड अलग भी हो सकता है.
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पर्सनल लोन के लिए न्यूनतम आय हर बैंक/ NBFC में अलग-अलग हो सकती है.
आप किसी संस्थान में कम से कम एक साल नौकरी कर रहे हैं, तो आप पर्सनल लोन के अधिकारी हो सकते हैं. वहीं बिजनेस में लगातार दो वर्ष देने के बाद आप पर्सनल लोन के अधिकारी बन सकते हैं.
आपका क्रेडिट स्कोर 750 या उससे अधिक होना चाहिए. इससे कम होने पर लोन मिलने में दिक्कत हो सकती है या ब्याज दर ज्यादा लग सकती है.
पर्सनल लोन के ड्रॉबैक्स
- होम लोन, कार लोन आदि के मुकाबले पर्सनल लोन की ब्याज दरें काफी ज्यादा होती हैं. ऐसे में आपको लोन चुकाते समय ज्यादा बड़ी ईएमआई देनी पड़ती है, जिसका असर आपकी जेब पर पड़ता है.
- पर्सनल लोन में इनकम प्रूफ की जरूरत होती है. अधिकांश बैंकों में पर्सनल लोन अप्लाई करने के लिए नौकरीपेशा लोगों की सैलरी न्यूनतम 15000 प्रति माह होनी चाहिए.
- पर्सनल लोन में आपको प्री-पेमेंट चार्ज देना होता है, जबकि अन्य किसी लोन को लेते समय ये चार्ज नहीं लगता है. इसके अलावा पर्सनल लोन में प्रोसेसिंग फीस भी काफी ज्यादा लगती है.
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02:50 PM IST