DigiYatra से कितने वाकिफ हैं आप?, पेपरलेस हो जाता है फ्लाइट से सफर, फेस ही बन जाता है बोर्डिंग पास
DigiYatra: DigiYatra बायोमैट्रिक बोर्डिंग सिस्टम एक इंटिग्रेटेड आइडेंटिटी डॉक्यूमेंट है, इसलिए पैसेंजर्स को चेक-इन के दौरान टिकट नहीं दिखानी पड़ेगी. किसी भी तरह के फिजिकल आइडेंटिटी कार्ड को एयरपोर्ट के चेक-प्वाइंट्स पर नहीं दिखाना होगा.
DigiYatra: देश में हवाई सफर का एक्सपीरियंस एकदम से बदलने वाला है. आपको अब पेपरलेस एयर ट्रैवल (paperless air travel) करने की सुविधा मिलने जा रही है. इसके लिए आज से यानी 18 अगस्त से भारत सरकार के डिजीयात्रा प्रोग्राम के तहत हैदराबाद एयरपोर्ट ये सुविधाएं शूरू कर रहा है. हैराबाद एयरपोर्ट यानी Rajiv Gandhi International Airport आज से डिजीयात्रा ऐप के जरिये एयर ट्रैवल शुरू हो रहा है. DigiYatra बायोमैट्रिक बोर्डिंग सिस्टम एक इंटिग्रेटेड आइडेंटिटी डॉक्यूमेंट है, इसलिए पैसेंजर्स को चेक-इन के दौरान टिकट नहीं दिखानी पड़ेगी. किसी भी तरह के फिजिकल आइडेंटिटी कार्ड को एयरपोर्ट के चेक-प्वाइंट्स पर नहीं दिखाना होगा. इसकी वजह से लंबी लाइन से छुटकारा मिल जाएगा. ANI की खबर के मुताबिक, हैदराबाद एयरपोर्ट पर यह तीन महीने के लिए लागू किया जा रहा है.
आपका फेस ही आपका बोर्डिंग पास का काम करेगा
डिजियात्रा प्लेटफॉर्म पेपरलेस सफर की सुविधा देने में सक्षम बनाती है. यह एयरपोर्ट पर कई आइडेंटिफाई करने और जांच से बचने में मदद करेगी, जिससे बिना रुके और परेशानी मुक्त यात्रा हो सकेगी. डिजीयात्रा ऐप के जरिये आपका फेस ही आपका बोर्डिंग पास का काम करेगा. डिजीयात्रा टेक्निकल टीम ने नामांकन (एनरॉलमेंट) के लिए एक स्पेशल मोबाइल ऐप डेवलप किया है,जिसे यात्रियों को डाउनलोड करना होगा. DigiYatra ऐप का बीटा वर्जन अब Google Play Store पर उपलब्ध है और कुछ ही हफ्तों में iOS ऐप स्टोर पर उपलब्ध होगा.
कैसे काम करता है DigiYatra प्लेटफॉर्म
- पैसेंजर को सबसे पहले डिजीयात्रा मोबाइल ऐप डाउनलोड करना होगा
- अब DY-ID ऐप/एयरलाइन या OTA ऐप/एयरपोर्ट ऐप ओपन करें
- सिस्टम वेरिफिकेशन के लिए आधार/ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) नंबर डालें
- पैसेंजर को उनके रजिस्टर्ड मोबाइल/ईमेल पर ओटीपी हासिल होगा
- अब ओटीपी को ऐप में डालें
- ऐसा करने पर DigiYatra ऐप आधार/डीएल डेटाबेस से ई-केवाईसी डेटा निकालेगा
- अब पासपोर्ट पहला पेज स्कैन करें, एमआरजेड डेटा निकालें, एनएफसी द्वारा ई-चिप पढ़ें (ऑप्शनल)
- फिर DigiYatra ऐप आधार ई-केवाईसी/डीएल डेटा/ई-पासपोर्ट से फेस निकालेगा
- फिर पैसेंजर सेल्फी के लिए; ऐप के जरिए फेशियल बायोमेट्रिक्स को कैप्चर किया जाएगा
- यात्री के चेहरे को डिजिलॉकर पोर्टल के माध्यम से या आधार से सत्यापित किया जाता है और वेरिफाइड चेहरे की तस्वीर के साथ लिंक किया जाता है
- यात्री तब अपनी डिजीयात्रा आईडी को अपनी वर्तमान या भविष्य की फ्लाइट बुकिंग या बोर्डिंग पास के साथ ऐड करेंगे
- जब यात्री बोर्डिंग पास को स्कैन करता है या टिकट अपलोड करता है, तो यात्रा डेटा ऐप द्वारा हासिल किया जाएगा
- डिजीयात्रा ऐप यात्रा के दिन एयरपोर्ट, एयरलाइन और इमिग्रेशन (इंटरनेशनल ट्रैवल के मामले में) को विधिवत एन्क्रिप्टेड यात्री के चेहरे और बुकिंग जानकारी शेयर करेगा.
डिजीयात्रा (DigiYatra) के साथ एयरपोर्ट पर क्या होता है
- एयरपोर्ट पर ई-गेट के जरिये एंट्री होती है
- पैसेंजर एंट्री ई-गेट पर पहुंचता है. यहां वह बार-कोडेड बोर्डिंग पास स्कैन करता है
- फिर पैसेंजर ई-गेट पर फेशियल रिकग्निशन सिस्टम कैमरे में देखता है
- ऐसा करने पर सिस्टम पैसेंजर की आईडी और ट्रैवल डॉक्यूमेंट की पुष्टि करता है
- एक बार पुष्टि हो जाने पर पैसेंजर को एयरपोर्ट में एंट्री की अनुमति के लिए ई-गेट खुल जाता है.