Piaggio के इस असेंबली लाइन को संभालती हैं सिर्फ महिलाएं, इलेक्ट्रिक व्हीकल को बनाने में हासिल है महारत
Piaggio के बारामती असेंबली लाइन का संचालन सिर्फ महिलाएं करती हैं, जहां कंपनी अपने इलेक्ट्रिक प्रोडक्ट्स को असेंबल कराती है.
Piaggio all women assemble line: स्मॉल कॉमर्शियल व्हीकल निर्माता पियाजियो व्हीकल प्राइवेट लिमिटेड (Piaggio) ने महिला कर्मचारियों को बढ़ावा देने के लिए अपनी तरह की एक अनोखी पहल में अपने बारामती फेसिलिटी में अपने Ape Electrik रेंज के प्रोडक्ट्स को असेंबल करने के लिए सिर्फ महिला कर्मचारियों के साथ शुरूआत की है.
इन इलेक्ट्रिक व्हीकल पर होगा काम
महाराष्ट्र में Piaggio के बारामती प्लांट में कंपनी के सभी इलेक्ट्रिक मॉडल्स- Ape E-City और Ape E-Xtra को असेंबल किया जाता है. जिसमें फिक्स्ड और स्वैपेबल बैटरी सॉल्यूशंस दोनों आते हैं. कंपनी ने एक बयान में कहा कि Piaggio ने बारामती और उसके आस-पास के विभिन्न तकनीकी संस्थानों से इन महिला कर्मचारियों को अपने साथ शामिल किया है.
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महिलाएं हैं स्किल्ड
Piaggio ने बताया कि असेंबली लाइन में आने से पहले इन महिलाओं को सुरक्षा प्रक्रियाओं, उपकरणों के उपयोग, इलेक्ट्रिक व्हीकल और मोटर और ई-बॉक्स से जुड़े लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के बारे में प्रशिक्षण दिया जाता है. कंपनी ने कहा कि उसने वर्कप्लेस को महिलाओं के हिसाब से फिर से डिजाइन किया है.
Piaggio ने कहा कंपनी का मानना है कि कर्मचारियों को काम पर रखने के लिए उनके लिंग को ध्यान में नहीं रखना चाहिए, बल्कि टेक्नोलॉजी की सही समझ और कौशल का सही इस्तेमाल जरूरी है.
कंपनी का है यह लक्ष्य
कंपनी की एक रीलिज के मुताबिक बारामती प्लांट में महिलाओं के लिए रोजगार का सृजन किया गया है. इससे मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट में महिलाओं के काम करने को लेकर जारी रूढ़िवादिता को भी जवाब मिलेगा.
कंपनी ने बताया कि इस प्लांट में काम करने वाली महिलाएं क्वालिटी कंट्रोल जांच, फिटिंग, असेंबली, इलेक्ट्रिकल और सभी मैटेरियल मैनेजमेंट के लिए जिम्मेदार होंगी.
Piaggio के चेयरमैन और एमडी डिएगो ग्रैफी (Diego Graffi) ने कहा, "हमारे ग्रुप के फिलॉसिफी के अनुसार हमने ईवी असेंबली लाइन बनाई है जो पूरी तरह से एक महिला कार्यबल द्वारा संचालित है. यह केवल शुरुआती बिंदु है और हमें एक लंबा रास्ता तय करना है."
उन्होंने कहा कि Piaggio में असेंबली लाइन, प्लांट और ऑफिस में और अधिक महिलाओं को शामिल किया जाएगा. इससे न केवल उन महिलाओं को रोजगार मिलेगा बल्कि ऑटो सेक्टर में भी वर्कफोर्स समानता आएगी.