ईवी इंफ्रा को डेवलेप करने के लिए MG Motor ने उठाया बड़ा कदम; जानिए आपको कैसे मिलेगा फायदा
MG Motor India: ब्रिटिश कार मैन्युफैक्चरिंग कंपनी MG Motor ने एप्सिलॉन ग्रुप के साथ मिलकर एक करार किया है. कंपनी ने एप्सिलॉन ग्रुप के साथ बैटरी चार्जिंग और बैटरी रीसाइकलिंग के लिए समझौता किया है.
MG Motor India: देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल को लेकर अलग-अलग कंपनियां लगातार काम कर रही हैं. इसी सिलसिले में ब्रिटिश कार मैन्युफैक्चरिंग कंपनी MG Motor ने एप्सिलॉन ग्रुप के साथ मिलकर एक करार किया है. कंपनी ने एप्सिलॉन ग्रुप के साथ बैटरी चार्जिंग और बैटरी रीसाइकलिंग के लिए समझौता किया है. कंपनी ने इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग सॉल्यूशन और बैटरी रिसाइकलिंग के लिए एप्सिलॉन समूह के साथ साझेदारी की है. कंपनी के अनुसार, साझेदारी के तहत मोटर वाहन विनिर्माता ने एप्सिलॉन समूह की दो सब्सिडियरी कंपनियों के साथ करार किया है.
इन 2 कंपनियों के साथ हुआ करार
कंपनी ने चार्जिंग समाधान के लिए पावर ईवी (Power EV) और बैटरी पुनर्चक्रण के लिए एलआईसीओ (LICO) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. पावर ईवी, एमजी के इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग समाधान के लिए एसी और डीसी चार्जिंग समाधान विकसित करने के लिए ‘कस्टम चार्जिंग’ प्रौद्योगिकी प्रदान करेगी.
जबकि एलआईसीओ व्यापक बैटरी पुनर्चक्रण तथा प्रमाणन सेवाएं प्रदान करके एमजी मोटर इंडिया को उसके विस्तारित निर्माता उत्तरदायित्व (ईपीआर) में सहायता करेगा. एमजी मोटर इंडिया के मुख्य वृद्धि अधिकारी गौरव गुप्ता ने कहा कि एप्सिलॉन समूह के साथ हमारा सहयोग रणनीतिक गठबंधन का प्रतीक है.
हर 3-6 महीने में नया मॉडल
कंपनी वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक 270 शहरों में कुल मिलाकर 520 बिक्री और सर्विस सेंटर का नेटवर्क स्थापित करने का लक्ष्य लेकर चल रही है. इसके अलावा कंपनी की हर तीन-छह महीने में एक नया मॉडल पेश करने की भी योजना है.
एमजी मोटर इंडिया के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी (सीसीओ) सतिंदर सिंह बाजवा ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि कंपनी ने वृद्धि के अगले चरण के लिए एकदम स्पष्ट रूपरेखा बनाई हुई है जिसे एमजी 2.0 नाम दिया गया है. इस योजना के तहत कंपनी ने उत्पादन क्षमता बढ़ाने और आगे चलकर ज्यादा मॉडल उतारने की योजना बनाई है. इन योजनाओं को पूरा करने के लिए कंपनी भारतीय बाजार में अपनी पहुंच का विस्तार करना चाहती है.
टियर-3 और टियर-4 शहरों पर फोकस
यह विस्तार ग्रामीण इलाकों, तीसरी और चौथी श्रेणी के शहरों में किया जाएगा. एमजी 2.0 योजना में कंपनी अपनी वार्षिक उत्पादन क्षमता को एक लाख वाहन से बढ़ाकर तीन लाख वाहन तक ले जाना चाहती है. यह गुजरात के हलोल में दूसरी विनिर्माण इकाई भी स्थापित करेगी.