भारत वित्तीय धोखाधड़ी रोकने के लिए चीन में तैनात करेगा अपने अधिकारी, सलेक्शन प्रक्रिया शुरू
financial fraud: अधिकारियों ने कहा कि राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने चीन से व्यापार आधारित मनी लॉन्ड्रिंग तथा अन्य वित्तीय धोखाधड़ी रोकने के लिये यह कदम उठाया है.
भारत कालाधन पर अंकुश लगाने, व्यापार आधारित मनी लॉन्ड्रिंग तथा अन्य वित्तीय धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिये चीन में खुफिया सीमा-शुल्क अधिकारियों को तैनात करेगा. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. बीजिंग स्थिति भारतीय दूतावास तथा गुआनझाऊ में भारतीय महावाणिज्य दूतावास में सीमाशुल्क विभाग के विदेशी आसूचना नेटवर्क (सीओआईएन) के दो पद सृजित किये गए हैं. वित्त मंत्रालय ने इसके लिए अधिकारियों के चयन की प्रक्रिया शुरू की है.
वित्तीय धोखाधड़ी रोकने की तैयारी
अधिकारियों ने कहा कि राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने चीन से व्यापार आधारित मनी लॉन्ड्रिंग तथा अन्य वित्तीय धोखाधड़ी रोकने के लिये यह कदम उठाया है. डीआरआई सीमा शुल्क धोखाधड़ी तथा तस्करी रोकने की प्रमुख एजेंसी है. उसने कहा कि सीओआईएन अधिकारी को आम तौर पर अपनी तैनाती वाली जगह से प्राप्त खुफिया जानकारी या सूचना देने की जवाबदेही होती है ताकि भारतीय खुफिया एजेंसियां व्यापार संबंधित धोखाधड़ी को मदद मिले.
खुफिया जानकारी की अहम भूमिका
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘सीओआईएन अधिकारी भारतीय एजेंसियों के साथ खुफिया जानकारी साझा कर व्यापारी आधारित मनी वित्तीय धोखाधड़ी रोकने के, काला धन तथा कर चोरी रोकने में अहम भूमिका निभाते हैं. चूंकि भारत और चीन के बीच उल्लेखनीय मात्रा में आयात और निर्यात किया जाता है, ऐसे में चीन में खुफिया नेटवर्क का विस्तार जरूरी है.’’
पूर्व में सीमा शुल्क अधिकारियों ने चीन को की जाने वाली और वहां से होने वाली तस्करी के बारे में जानकारी दी है. तस्करी रोकने के लिये सीओआईएन अधिकारी फिलहाल नेपाल, सिंगापुर, ब्रसेल्स, अमेरिका तथा ब्रिटेन समेत कई देशों में तैनात हैं.